20111228

फैन के किंग की वापसी



डॉन कहो डॉन अपना सा लगता है...
शाहरुख खान अभिनीत व फरहान अख्तर द्वारा निदर्ेशित फिल्म डॉन 2 आज रिलीज हो रही है. हिंदी सिनेमा में यह पहली बार होगा, जब किसी फिल्म के रीमेक का सीक्वेल बनाया गया हो. वर्ष 2006 में बनी फिल्म डॉन सलीम-जावेद की लिखी फिल्म डॉन का ही मॉर्डन स्वरूप था. फिल्म बेहद पसंद की गयी थी. चूंकि फरहान ने अपनी कल्पशीलता व निदर्ेशन की खूबियों से उसमें बेहतरीन रंग भर दिये थे. फिल्म का लोकेशन, स्वरूप व डॉन के रूप में शाहरुख को दर्शकों ने स्वीकारा भी. जबकि वर्ष 2006 में बनी डॉन के रीमेक फिल्म में ही फरहान ने वह सबकुछ दिखाया, जो वह दिखाना चाहते थे. थ्रील, एक्शन व अपने पिता की लिखी पटकथा के साथ उन्होंने पूरा न्याय भी किया था. फिर दोबारा वे कौन से कारक रहे होंगे, जिसने फिल्म के रीमेक के सीक्वेल के लिए प्रेरित कर दिया. वजह साफ है डॉन शब्द व इसके संवाद अपने आप में पूरी तरह ब्रांड बन चुके हैं. खुद फरहान भी ऐसा ही मानते हैं. चूंकि दर्शकों के बीच डॉन स्थापित नाम है. इससे सीधा फायदा फिल्म को मिल सकता है. फरहान युवा दर्शकों के निदर्ेशक हैं. सो, वह यह भलीभांति जाते हैं कि अपने युवा दर्शकों को फिल्म से जोड़ने के लिए क्या क्या तरीके अपनाये जाने चाहिए. फिर चाहे फिल्म डॉन 2 में एक संवाद है जब कुणाल कपूर आकर कहते हैं कि सर, मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं. इस पर डॉन बने शाहरुख कहते हैं कि सर मत कहो, शरीफ सा लगता है डॉन कहो. अपना सा लगता है. फिल्म के यही संवाद दरअसल, इस फिल्म के सीक्वेल की सोच है. फिल्म देखने के बाद आप महसूस करेंगे कि फरहान की डॉन 2 का इससे पहले के बाकी फिल्मों से खास कनेक्शन नहीं. इस बार की कहानी बिल्कुल अलग है, किरदार भी अलग हैं. फरहान चाहते तो इस एक्शन थ्रीलर का नाम कुछ और भी रख सकते थे. लेकिन इसके बावजूद डॉन व उसके फैन फॉलोयिंग को देखते हुए उन्होंने यही नाम तय किया. चूंकि फरहान जानते हैं कि भले ही डॉन नकारात्मक किरदार है. लेकिन फिर भी लोकप्रिय है,सफल है. हिट है. और शायद यही वजह है कि इस बार उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट डॉन के दो बड़े फैन अमित मेहता व अमरीश शाह को डॉन 2की स्क्रिप्ट लिखने की जिम्मेदारी दी. किसी फैन से स्क्रिप्ट लिखवाने का यह प्रयोग भी इसी फिल्म के साथ पहली बार हो रहा है. चूंकि फरहान जानते हैं कि डॉन अपने फैन के बीच किंग है. (चूंकि फिल्मों के विलेन का भी अलग एट्टीटयूड हो, अलग स्टाइल हो. तो वे भी दर्शकों को बेहद आकर्षित करते हैं) डॉन खलनायक होते हुए भी नायक है. डॉन बुरा होते हुए भी दर्शकों को अपना सा लगता है. इसलिए, फरहान ने तय किया कि डॉन 2 को उनके प्रशंसकों की नजर से देखें और पूरी रूपरेखा, स्वरूप उनकी पसंद की मानसिकता को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाये. इसलिए उन्होंने दो फैन से ही स्क्रिप्ट लिखवाने का रिस्क लिया. इस बार जरूरत के मुताबिक कई नये संवाद जोड़े हैं. लेकिन ब्रांड संवाद डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है का साथ नहीं छोड़ा है. यह इस युवा निदर्ेशक की अकलमंदी है. इससे वे अपने पुराने दर्शकों को तो जोड़े रखने में कामयाब होंगे ही. नये संवादों व एट्टीयूड के साथ वे नया दर्शक वर्ग को तैयार करने में भी कामयाब होंगे. यही वजह है कि शाहरुख और फरहान कहते हैं कि वे तबतक डॉन का निर्माण करते रहेंगे, जब तक दोनों व्हीलर चेयर पर नहीं बैठ जाते. मसलन जब तक वे जवां रहेंगे. सक्रिय रहेंगे वे डॉन का निर्माण करते रहेंगे.

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