20111204

देसी ब्वॉयज की देसी गर्ल


इंडस्ट्री में भले ही लोग उन्हें बच्ची मानते हों. लेकिन महज चार सालों में ही उन्होंने अपनी खास पहचान स्थापित कर ली है. सलमान, आमिर रितिक को छोड़ उन्होंने अपने सभी समकालीन कलाकारों के साथ काम किया है सराहना बटोरी है. वह विवादों से भी घिरी रहती हैं. लेकिन फिर भी मीडिया से दूर नहीं भागती. बात हो रही है दीपिका पादुकोण की. जल्द ही देसी ब्वॉयज के बीच स्पेशल गर्ल की भूमिका में नजर आयेंगी.

दीपिका पादुकोण का नाम हिंदी सिनेमा जगत की वर्तमान शिखर की अभिनेत्रियों के साथ लिया जाता है. दर्शक उनकी मुस्कान उनके व्यक्तित्व के दीवाने हैं. अपने प्रेम प्रसंग को लेकर वे हमेशा चचर्े में बनी रहती हैं. लेकिन फिर भी वह आक्रोश में आकर कुछ गलत नहीं करतीं.

अभी इंडस्ट्री में आये आपको सिर्फ चार साल ही हुए हैं और आपने अब तक लगभग 12से 14 फिल्मों में अभिनय कर लिया है. गाड़ी थोड़ी तेज नहीं भाग रही.?

बिल्कुल नहीं. मैं मानती हूं कि मैं खुशनसीब हूं कि मुझे बहुत कुछ सीखने का मौका मिल रहा है. लगातार मैं नया सीख रही हूं. आप देखेंगी मैंने शुरुआती दौर से ही एक सी फिल्में नहीं की. हर बार नया किया है. और नये निदर्ेशकों के साथ काम करने का अनुभव भी अलग ही होता है. इम्तियाज के साथ मुझे जहां लव स्टोरी करने में बहुत मजा आया. वही प्रकाश झा के साथ गंभीर फिल्म भी की.

फिल्म देसी ब्वॉयज में कैसा किरदार है आपका. क्या वजह रही. फिल्म को चुनने की.

देसी ब्वॉयज में राधिका का किरदार निभा रही हूं. बेहतरीन किरदार है. खूब मस्ती करनेवाली लड़की है, जॉन मेरे को स्टार हैं. वे हमेशा मुझे खुश रखने की कोशिश करते हैं कहानी में. लेकिन मुझे यह बात बाद में जाकर समझ आती है. फिल्म चुनने की वजह रही रोहित . फिल्म के निदर्ेशक. उसने मुझे कहानी सुनायी. मुझे मजा आया सुन कर तो हां कह दिया. रोहित मेरे बचपन के दोस्त भी हैं. सो, मैं जानती हूं विश्वास है उनपर अच्छा काम करायेंगे ुझसे.

और अक्षय भी तो हैं फिल्म में? उनके साथ आपने पहले भी फिल्म की है. क्या क्या सीखने का मौका मिला? शूटिंग के बाद क्या क्या बातें होती हैं?

अक्षय के साथ मैंने सबसे पहले फिल्म हाउसफुल में काम किया था. यह दूसरी फिल्म है. सबसे खास बात जो अक्षय से मैं सीख पायी हूं वह है अनुशासन. वक्त के पाबंद हैं वह. उनसे मैंने गंभीरता से हास्य अभिनय करना सीखा है. वे मेरा ख्याल भी बेहद रखते हैं. शूटिंग के बाद हम मस्ती करते थे. इस फिल्म की शूटिंग लंदन में हुई थी. वहां कितनी ठंड थी. मेरे तो नाक लाल लाल हो जाते थे. लेकिन मैं लकी हूं कि मुझे ऐसा शरीर मिला, जिससे मैं कहीं भी एडजस्ट हो जाती हूं.

आपका रफ एंड टफ होना स्पोट्र्स बैकग्राउंड की वजह से है?

जी हां, बिल्कुल. मैंने शुरू से ही मौसम को प्राथमिकता नहीं दी. खेल की वजह से ही दुरुस्त हूं. औरों की तरह मुझे कभी किसी भी तरह की डायटिंग की जरूरत नहीं पड़ी. पिछले 10 सालों में तो मेरा वजन कभी नहीं बढ़ा. तो कम से कम इस चिंता से मुक्त हूं मैं. हां, लेकिन मैं खुद को हमेशा फिट रखने के लिए योग जरूर करती हूं.

आपकी कई फिल्में फ्लॉप भी रही हैं. क्या फिल्मों के रिव्यूज या फिर आपके अभिनय के बारे में जो बातें होती हैं. वे चीजें पढ़ती हैं आप.लोगों की अमल करनेवाली बातों पर कितना अमल करती हैं आप.

जी बिल्कुल. मैं इन बातों का ख्याल रखती हूं कि मेरे दर्शकों को मेरा काम कैसा लगा.वरना, अगर वह ना कह देंगे तो मैं तो कभी आगे ही नहीं बढ़ पाऊंगी. मुझे कई लोगों ने कहा है कि मैं फिल्मों की शो पीस हूं. लेकिन जरा आप बतायें अगर ऐसा होता तो अयान मुखर्जी, प्रकाश झा और इम्तियाज अली जैसे निदर्ेशक मुझे क्यों लेते.

जहां अक्षय कुमार और जॉन जैसे नायक हों. ऐसे में फिल्म का नाम भी देसी ब्वॉयज है तो नायिकाओं के लिए अभनय की गुंजाइश किस हद तक रहती है.

जी नाम के बारे में तो मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगी. इतना जानती हूं कि मुझे मजेदार किरदार मिला है. राधिका का किरदार मेरी ही तरह है तो करने में परेशानी नहीं हुई. वैसे भी यह किसी विषय पर आधारित या मुद्दे को लेकर फिल्म तो है नहीं. सामान्य सी फिल्म है. कॉमेडी है. लोगों को मजा आयेगा.

आपको खुद किस तरह की फिल्में करना पसंद है?

हमेशा से लव स्टोरी. आप देखेंगे मेरी फिल्मों में लव सीक्वेंस और गीतों को मैं अधिक एंजॉय करती हूं.

आपने शुरुआत ओम शांति ओम से की थी. लेकिन इसके बाद आपने शाहरुख के साथ काम नहीं किया. कोई खास वजह?

जी बिल्कुल नहीं. शाहरुख मेरे लिए हमेशा खास रहेंगे. हम भले ही मिलते न हो. लेकिन हमारी बातें होती रहती हैं. उन्होंने मुझे पहला मौका दिया. मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है. हम आज भी कहीं पार्टी में मिलते हैं तो एक दूसरे के साथ काफी बातें करते हैं. हालांकि उन्होंने मेरी सारी फिल्में नहीं देखी. लेकिन मुझसे हमेशा कहते हैं दीपिका बिल्कुल सही जा रही हो. तरक्की करो. अच्छा लगता है तुम्हें देख कर.

और निदर्ेशक में आप किसे सबसे बेहतर मानती हूं.

कोई तुलना नहीं कर सकती. आशुतोष अपनी विधा में माहिर हैं,इम्तियाज अपनी विधा में. लेकिन सभी मिल कर एक दीपिका से कई किरदार निकाल लाते हैं.

आप जल्द ही अयान मुखर्जी की फिल्म में रनबीर कपूर के साथ नजर आनेवाली हैं. आप दोनों पहले दोस्त थे. फिर अलग हुए,विवाद हुए और फिर आप एक साथ काम कर रहे हैं. ऐसे में काम करने में असहजता महसूस नहीं होती.

जी बिल्कुल नहीं. हम दोनों अच्छे दोस्त थे. असहज होती तो हां नहीं कहती. अयान मेरे अच्छे दोस्त हैं. रनबीर और मेरे लिए उन्होंने जब कहानी लिखी.मुझे सुनाया तो हम दोनों ने हां कह दिया. चूंकि पुरानी बातें लेकर हमउम्र नहीं चल सकते. अभी तो बस शुरुआत है. यूं ही अगर छोटी बातों के आधार पर करियर को आंकने लगी तो मैं टिकूंगी हीं.

विवादों के बावजूद आप मीडिया से खुल कर बातें करती हैं.

हां, चूंकि मैं शुरू से ही लोगों से मिलना जुलना पसंद करती रही हूं. मुझे लोगों से बातें करना अच्छा लगता है.

लंदन में शूटिंग के दौरान सबसे ज्यादा मस्ती कहां की.

शूटिंग के बाद क्रू मिल कर वहां के कॉलेज और वहां के आम स्थानों की सैर करते थे तो अच्छा लगता था.

अदाकारा बनने के बाद एक खास चीज जो हमेशा मिस करती हैं

सड़क पर या किसी ढाबे में बैठ कर खाना खाना या चाय पीना. मैं पहले बहुत स्ट्रीट फूड खाती थी. अब नहीं खा पाती. हालांकि हाल में मैंने दिल्ली में शूटिंग के दौरान एक ढाबे पर बैठ कर खाना खाया. वहां भीड़ के बराबर थी.

अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के काम पर कितना ध्यान रखती हैं. किस तरह की प्रतियोगिता महसूस करती हैं.

किसी भी तरह की प्रतियोगिता नहीं है सबकी अपनी अपनी खूबी हैं. कमियां हैं. मुझे परवाह नहीं होती. कोई मेरे काम से जले तो मुझे मालूम नहीं. लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता. हां, इतना जरूर है कि मैं बेस्ट करना चाहती हूं और आराम से काम कर रही हूं. अभी तो मैं बहुत छोटी हूं.

अब तक आपका सबसे पसंदीदा किरदार

फिल्म लव आज कल और ब्रेक के बाद का किरदार. चूंकि इन दोनों फिल्मों में नायिका बिंदास है. बोल्ड है. अपने फैसले खुद लेती है. मैं भी वास्तविक जिंदगी में वैसी हूं.सलिए.

फिल्म देसी ब्वॉयज का पसंदीदा गीत

झक मार के. ...

पिता से इतर अपनी राह बनाने की धुन में रोहित

डेविड धवन के बेटे रोहित धवन की पहली फिल्म है देसी ब्वॉयज. रोहित धवन ने साफ तौर पर जाहिर किया है कि उनकी फिल्में अपने पापा की फिल्मों से बिल्कुल मेल खाती सी नहीं होगी. उनका मानना है कि व े अपने पापा की स्लैपस्टिक व लाउड फिल्में नहीं बना सकते. और शायद यही वजह है कि उनकी फिल्म में सभी सुपरसितारा शामिल हैं. डेविड धवन की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म रासकल्स को इस वर्ष की सबसे फालतू फिल्म घोषित किया गया है. जबकि किसी दौर में डेविड धवन हास्य फिल्मों के लिए जाने जाते रहे हैं. उनकी ही फिल्मों के दौर में गोविंदा ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित की और वह बन गये सबके हीरो नंबर 1. फिलवक्त के सबसे महंगे स्टार में से एक सलमान खान ने भी डेविड के साथ कई फिल्में बनायी हैं. खबर है कि जल्द ही डेविड सलमान को लेकर एक और फिल्म बनाना चाहते हैं. चूंकि सलमान और डेविड के रिश्ते बेहद करीबी रहे हैं. और किसी दौर में सलमान ने भी डेविड की फिल्मों से वापसी की. लेकिन बदलते दौर के साथ ही डेविड धवन ने भी अपना स्टाइल बदला. और रासकल्स जैसी फिल्मों को देख कर लगता है कि उनके निदर्ेशन व उनकी यूएसपी मानी जानेवाली हास्य विधा पर अब उनका कमांड नहीं रहा और अब उनके पतन का दौर है. ऐसे में उनके बेटे रोहित धवन को देख कर लगता है कि अब वह अपने पापा की परंपरा को आगे बढ़ायेंगे. लेकिन औपचारिक रूप से. मसलन वह अपने पापा से सिर्फ निदर्ेशन की परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ले रहे हैं कि उनके स्टाइल की. दीपिका पादुकोण, अक्षय कुमार, जॉन इन दिनों व्यस्त रहनेवाले स्टार्स में से एक हैं. ऐसे में अगर वे किसी निदर्ेशक के साथ फिल्म बनाने को तैयार होते हैं. इसका अर्थ यही है कि उन्हें उन निदर्ेशक में कुछ तो बात नजर आयी होगी. साथ ही कहानी के ट्रीटमेंट के साथ उन्हें अपनी सफलता के आसार नजर आये होंगे. रोहित दीपिका हमेशा से अच्छे दोस्त रहे हैं. लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि दीपिका जैसी व्यस्त रहनेवाली अदाकारा ने सिर्फ दोस्ती के नाम पर हां कहा होगा. फिलवक्त फिल्म के गाने और लोकेशन दर्शकों को बेहद लुभा रहे हैं. फिल्म में अक्षय जॉन के जबरदस्त एक्शन दृश्य भी हैं. सो, उम्मीद की जा सकती है कि रोहित की फिल्म में सिर्फ हास्य नहीं कुछ ड्रामा और कहानी भी होगी. और अपने पिता की नकल उतारने की बजाय अपना नजरिया और अपने स्टाइल की फिल्में करने में कामयाब होंगे. डेविड धवन के ही दूसरे पुत्र वरुण जल्द ही फिल्म स्टूडेंट ऑफ ईयर से अपने अभिनय की पारी की शुरुआत कर रहे हैं. मुमकिन हो कि जिस तरह डेविड धवन ने हाल के वर्षों में अपनी फिल्मों में हास्य के नाम पर अश्लीलता परोसी है. आनेवाले वर्षों में उनके बेटे स्तरीय फिल्में बना कर अभिनय के आधार पर पिता की उस छवि को सुधारने में कामयाब हो सकते हैं.ऐसी उम्मीद की जा सकती है. रोहित यह भलिभांति जानते हैं कि सबकी निगाहें उन पर हैं. लोग उनकी पिता से तुलना जरूर करेंगे और डेविड धवन की बिगड़ी छवि के आधार पर ही उनके काम का मूल्यांकन होगा. चूंकि कई बार पिता की गलती का खामियाजा उनके बच्चों को ही उठाना पड़ता है. लेकिन रोहित की बातचीत, इस प्रोफेशन के प्रति उनकी गंभीरता को देख कर कहा जा सकता है कि वह अपनी अलग राह बनाने में कामयाब होेंगे.

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