जिम्मी शेरगिल पंजाबी हैं. लेकिन उनकी हिंदी भाषा पर जो कमान है, उसे सुन कर यह अनुमान लगा पाना कठिन है कि वह किस प्रांत से हैं. गोरखपुर में जन्म, फिर लखनऊ में पढ़ाई होने की वजह से जिम्मी का हिंदी उच्चारण स्पष्ट है. यह खूबी उन्हें बॉलीवुड के अन्य अभिनेताओं से अलग करती है. जल्द ही वे स्पेशल 26 में नजर आयेंगे
जिम्मी अपनी पिछली फिल्म राजधानी एक्सप्रेस की नाकामयाबी से दुखी तो हैं. लेकिन वे मानते हैं कि हर बार लक आपका साथ दे ऐसा नहीं होता. बातचीत जिम्मी से...
स्पेशल26 में आपका किरदार किस तरह का है?
इस फिल्म में मेरा कैरेक्टर रणवीर सिंह का है. रणवीर सिंह.सब इंस्पेक्टर है. फिल्म की पृष्ठभूमि 80 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित है. रणवीर सिंह फिल्म में अजय सिंह और शर्माजी का पहला शिकार होता है. जिसे ये लोग लूटते हैं. रणवीर सिंह काफी उतावला रहने वाला व्यक्ति है. उसने तुरंत तुरंत नौकरी ज्वाइन की है. लेकिन उसे लगता है कि वह जो कुछ जानता है. सोचता है. सब सही सोचता है. लेकिन उसे क्या पता था कि उसे नौकरी के शुरुआती दिनों में ही कोई चकमा देकर चला जायेगा. रणवीर सिंह जोशिला है, भड़कीला है. वह ओवर इंथुथियाज में वह कुछ कभी ऐसा बोल जाता है. जो उसे बोलना नहीं चाहिए. बड़े बड़े अफसर खड़े हैं. लेकिन वह अपनी धुन में रहता है. शर्माजी एंड गैंग को पकड़ने और गुत्थी सुलझाने में रणवीर भी कोशिश करता है कि वह गुत्थी को सुलझाये. लेकिन वे लोग हाथ नहीं आ पाते. तो कुछ ऐसा ही मेरा किरदार. मजेदार किरदार है. जिस तरह की हिंदी मैं फिल्म में बोल रहा हूं. वह सुन कर तो आप निश्चित तौर पर हंसेंगे.
त्र नीरज पांडे गंभीर निर्देशकों में से एक माने जाते हैं. उनकी पहली फिल्म से ही उन्होंने खुद को स्थापित कर दिया था. ऐसे में उन्होंने आपको अपनी दोनों फिल्मों में कास्ट किया. तो नीरज से कॉलब्रेशन कैसा हुआ आपका?
ये 2002-2003 की बात होगी. नीरज ने मुझे यूं ही किसी माध्यम से स्क्रिप्ट दी थी पढ़ने के लिए. उस वक्त तो हमलोग अच्छे दोस्त भी नहीं थे. लेकिन उस सिक््रप्ट को पढ़ने के बाद मैं लगातार नीरज से मिलता रहता था. हमारी बात होती थी और ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी.लेकिन इसका मतलब नहीं कि उसने इसलिए मझे अपने किरदारों में चुना है क्योंकि हम अच्छे दोस्त हैं, बल्कि नीरज के साथ मैं काफी डिस्कस करता हूं. उसकी सारी स्क्रिप्ट पर. और मैंने अब तक उसने जितनी स्क्रिप्ट लिखी है. वह सारी पढ़ ली है. वह मेरे व्यवहार, मेरी खूबियां, कमियों से वाकिफ है. सो, मैं मानता हूं कि वह मुझमें से कुछ अलग निकाल कर लाता है. पहले नीरज की प्लानिंग वेडनेस डे बनाने की नहीं थी. लेकिन अचानक उन्होंने तय किया था कि वह पहले ये बनायेंगे. नीरज ने अब तक अपने पास लगभग 12 -14 स्क्रिप्ट तैयार रखी है. और उनमें से एक भी कोई ऐसी स्क्रिप्ट नहीं है. जिसे कोई भी न कहेगा. कमाल की और ऐसी ही चौंकानेवाली फिल्में बनेंगी.नीरज की स्क्रिप्ट की खासियत यह होती है कि वह जब नैरेशन देते हंै तो 40 मिनट के अंदर आप तय कर लेते हंै कि आपको फिल्म करनी है.
इस किरदार के लिए आपने कोई खास तैयारी की या कहीं से किसी संदर्भ से मदद ली?
नहीं,चूंकि नीरज के साथ तो स्क्रिप्ट ही होती है. हां, लेकिन डायलॉग को लेकर नीरज ने थोड़ी छूट दी थी मुझे. वेडनेस डे में थोड़े रेफरेंस लिये थे इसमें. लेकिन इस फिल्म के किरदार का सबकुछ ओरिजनल है.
जिम्मी, आपकी शुरुआत माचिस से हुई थी. लेकिन तीन सालों के अंतराल के बाद आपने दोबारा फिल्म मोहब्बते से बड़ी शुरुआत की. तीन सालों के अंतराल की कोई खास वजह रही थी?
दरअसल, माचिस में मेरा छोटा किरदार था. म. इसी दौरान मुझे जहां तुम ले चलो नामक एक फिल्म मिली थी. गुलजार साहब ने ही गीत लिखे थे और विशाल भारद्वाज ने संगीत दिया था. तो उस वक्त वह फिल्म हालांकि रिलीज नहीं हो पायी. फिर मैंने दोबारा मुंबई की तरफ रुख किया. फिर मोहब्बते से एक नयी शुरुआत हुई.
पंजाब में लोग आपको शाहरुख खान मानते हैं.
ये सारा कमाल मनमोहन सिंह( प्रतिष्ठित सिनेमेटोग्राफर) का था. उन्होंने यारा नाल बहारां बनई. इस फिल्म ने वहां ऐसी कमाई की थी, जैसा किसी पंजाबी फिल्म ने नहीं किया था.
निहायत ही व्यक्तिगत विचार
ReplyDelete