उन्होंने दस्तक तो जिंदगी चैनल के माध्यम से दी थी. लेकिन उनकी खूबसूरती, उनके अंदाज और खासतौर से उनके लहजे को कद्रदान इस कदर बने, कि उन्हें दर्शकों ने अपने दिल का हमसफर बना लिया है. वे स्क्रीन पर दिखते हैं तो लड़कियों के मुख से एक ही पंक्ति निकलती है कि आपको देखा, अब जिंदगी गुलजार है. बात हो रही है युवा लड़कियों के दिलों की धड़कन फवाद खान की.
बॉलीवुड में आपको जिस तरह से प्यार मिल रहा है. इसकी अनुभूति कैसी है?
मैं बहुत खुश हूं. और बहुत अच्छा लग रहा है. इतना प्यार पाकर. और धर्मा प्रोडक् शन के साथ काम कर रहा हूं तो अपने आप पर भी फक्र होता है. धर्मा हिंदी सिनेमा का बड़ा प्रतिष्ठित प्रोडक् शन हाउस है. और काम करने का माहौल भी काफी अच्छा रहा. मेरी अनरियलिस्टिक चाहत कभी भी नहीं रही. न पाकिस्तान में रही न यहां रही.हां, यह हकीकत है कि आप जब काम कर रहे हों और कामयाबी न मिले तो मायूसी होती है. मुझे भी होती थी. तो जिंदगी में कितना कुछ देख लिया कि अब हर चीज के लिए तैयार हूं. मुझे यहां काफी अच्छा काम मिल रहा है और मैं चाहूंगा कि जिंदगी में मुझे और भी मौके मिले. मैं ग्लोबल एक्टर बनूं. मैं हर तरह की इंडस्ट्री में काम करना चाहूंगा. भारत में काम करने में मजा इसलिए आ रहा है क्योंकि यहां हमारी भाषा एक सी है तो कंफर्ट जोन है.
आपकी भाषा को लेकर पूरे भारत में चर्चा है?
नहीं नहीं ऐसा नहीं है कि मुझे उर्दू भाषा या शेरो शायरी में महारथ हासिल है. वह तो हर बार मुझे यहां लोग कहते हैं कि कोई शेर सुनाओ तो मैं पढ़ कर आता हूं. ताकि लोगों को कुछ सुना सकूं. हां, मगर सच कहूं तो शेरो शायरी पर काम करना जरूरी है, क्योंकि वह क्राफ्ट का हिस्सा है. चूंकि शेरो शायरी सीख लेने से आपकी भाषा और आपके परफॉरमेंस पर काफी फर्क पड़ता है. तो आप फिर और एफर्टलेस परफॉर्म कर पाओगे. खूबसूरत के वक्त मुझे हिंदी सिनेमा का उतना ज्ञान नहीं था. उस वक्त समझ नहीं आती थी. तो उस वक्त एग्जीक्यूट करना मुश्किल था. मैं अटक जाता था. मेरे जेहन में उर्दू शब्द आते थे. तो मुझे टोका जाता था. मुझे याद है एक सीन में मैंने 10 टेक दिये थे. लेकिन फिर भी परफॉर्म नहीं कर पाया था. लेकिन अब इससे ओवरकम हो गया हूं. और मुझे लगता है कि अगर खुद अपनी मुंह से तारीफ करूं तो स्पॉनटेनिटी मेरी क्वालिटी है. मेरे क्राफ्ट की. तो मुझे लगता है कि जहां की भाषा के लिए काम कर रहे हैं. उस पर आपका कमांड हो. तो काम करने में मजा आता है.
कभी जब नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है तो कैसे उससे निकलने की कोशिश करते हैं?
मेरा मानना है कि हर जगह आपको सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष सुनने और देखने को मिलते रहते हैं. पाकिस्तान में मेरे खिलाफ लोग बोलते हैं. लेकिन पोजिटिव लोग भी होते हैं. यहां भी है. तो मैं सकारात्मक लोगों को देखता हूं और खुश रहता हूं. बस मैं चाहता हूं कि दो देश न लड़ें. ये बचकाना हरकत है. दुनिया ग्लोबल विलेज हो चुकी है. और हम अब भी छोटी छोटी बातों पर लड़ लेते हैं. मेरा मानना है कि ग्लोबल विलेज को हमने स्वीकारा नहीं है अभी.
लड़कियों में आपकी फैन फॉलोइंग ज्यादा है.
मुझे लगता है कि मैंने अब तक जिस तरह के किरदार निभाये हैं. जिस तरह के टीवी सीरियल में काम किया है. मैं एक आइडियल हस्बैंड माना जाता हूं. शायद यह वजह है.
जिल जिंदगी ने पाकिस्तान और भारत के साथ मिल कर जो एक नयी शुरुआत की है. छह फिल्में बनाने की. आप इसे किस तरह देखते हैं?
आपने एक नयी जानकारी दी. अगर वाकई ऐसा हो रहा है तो इससे बेहतरीन बात और क्या होगी. दो देशों में शांति फैले. अमल चैन आये और क्या चाहिए. मुझे खुशी है कि रतना पाठक शाह और नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स हैं, जो इन बातों को नहीं मानते और वे हर साल वहां आते हैं और थियेटर के कई सारे नाटक करते हैं. हम सबको पता है कि हालात नाजुक है. हम भी नहीं चाहते कि कुछ भी गलत हो. एक दौर था जब हमारा यहां आना नागंवारा था. लेकिन मुंबई पुलिस ने जिस तरह से हमारे साथ कॉपोरेट किया. यह जो कॉलेब्रेशन हो रहा है तो इससे दोनों देशों के एक्टर्स एक दूसरे के साथ जुड़ेंगे.
आपको पीके फिल्म आॅफर हुई. न करने की कोई खास वजह रही?
जी मुझे भी इस बात का थोड़ा अफसोस है कि उतने बड़े फिल्ममेकर के साथ काम नहीं कर पाया. लेकिन उस वक्त मैंने कपूर एंड सन्स को हां कह दिया था. सो, मुमकिन ही नहीं था कि मैं कर पाऊं. लेकिन वह बेहतरीन किरदार था. और मुझे लगता है कि मैं उसे बेहद खूबसूरती से निभा पाता. मैं किसी को न नहीं कह पाता. तो मुझे लगता कि कोई भी मेरा एडवांटेज ले सकता है. मैं इमोशनल बहुत हूं. तो ब्लैकमेल हो सकता.
मैं बहुत खुश हूं. और बहुत अच्छा लग रहा है. इतना प्यार पाकर. और धर्मा प्रोडक् शन के साथ काम कर रहा हूं तो अपने आप पर भी फक्र होता है. धर्मा हिंदी सिनेमा का बड़ा प्रतिष्ठित प्रोडक् शन हाउस है. और काम करने का माहौल भी काफी अच्छा रहा. मेरी अनरियलिस्टिक चाहत कभी भी नहीं रही. न पाकिस्तान में रही न यहां रही.हां, यह हकीकत है कि आप जब काम कर रहे हों और कामयाबी न मिले तो मायूसी होती है. मुझे भी होती थी. तो जिंदगी में कितना कुछ देख लिया कि अब हर चीज के लिए तैयार हूं. मुझे यहां काफी अच्छा काम मिल रहा है और मैं चाहूंगा कि जिंदगी में मुझे और भी मौके मिले. मैं ग्लोबल एक्टर बनूं. मैं हर तरह की इंडस्ट्री में काम करना चाहूंगा. भारत में काम करने में मजा इसलिए आ रहा है क्योंकि यहां हमारी भाषा एक सी है तो कंफर्ट जोन है.
आपकी भाषा को लेकर पूरे भारत में चर्चा है?
नहीं नहीं ऐसा नहीं है कि मुझे उर्दू भाषा या शेरो शायरी में महारथ हासिल है. वह तो हर बार मुझे यहां लोग कहते हैं कि कोई शेर सुनाओ तो मैं पढ़ कर आता हूं. ताकि लोगों को कुछ सुना सकूं. हां, मगर सच कहूं तो शेरो शायरी पर काम करना जरूरी है, क्योंकि वह क्राफ्ट का हिस्सा है. चूंकि शेरो शायरी सीख लेने से आपकी भाषा और आपके परफॉरमेंस पर काफी फर्क पड़ता है. तो आप फिर और एफर्टलेस परफॉर्म कर पाओगे. खूबसूरत के वक्त मुझे हिंदी सिनेमा का उतना ज्ञान नहीं था. उस वक्त समझ नहीं आती थी. तो उस वक्त एग्जीक्यूट करना मुश्किल था. मैं अटक जाता था. मेरे जेहन में उर्दू शब्द आते थे. तो मुझे टोका जाता था. मुझे याद है एक सीन में मैंने 10 टेक दिये थे. लेकिन फिर भी परफॉर्म नहीं कर पाया था. लेकिन अब इससे ओवरकम हो गया हूं. और मुझे लगता है कि अगर खुद अपनी मुंह से तारीफ करूं तो स्पॉनटेनिटी मेरी क्वालिटी है. मेरे क्राफ्ट की. तो मुझे लगता है कि जहां की भाषा के लिए काम कर रहे हैं. उस पर आपका कमांड हो. तो काम करने में मजा आता है.
कभी जब नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है तो कैसे उससे निकलने की कोशिश करते हैं?
मेरा मानना है कि हर जगह आपको सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष सुनने और देखने को मिलते रहते हैं. पाकिस्तान में मेरे खिलाफ लोग बोलते हैं. लेकिन पोजिटिव लोग भी होते हैं. यहां भी है. तो मैं सकारात्मक लोगों को देखता हूं और खुश रहता हूं. बस मैं चाहता हूं कि दो देश न लड़ें. ये बचकाना हरकत है. दुनिया ग्लोबल विलेज हो चुकी है. और हम अब भी छोटी छोटी बातों पर लड़ लेते हैं. मेरा मानना है कि ग्लोबल विलेज को हमने स्वीकारा नहीं है अभी.
लड़कियों में आपकी फैन फॉलोइंग ज्यादा है.
मुझे लगता है कि मैंने अब तक जिस तरह के किरदार निभाये हैं. जिस तरह के टीवी सीरियल में काम किया है. मैं एक आइडियल हस्बैंड माना जाता हूं. शायद यह वजह है.
जिल जिंदगी ने पाकिस्तान और भारत के साथ मिल कर जो एक नयी शुरुआत की है. छह फिल्में बनाने की. आप इसे किस तरह देखते हैं?
आपने एक नयी जानकारी दी. अगर वाकई ऐसा हो रहा है तो इससे बेहतरीन बात और क्या होगी. दो देशों में शांति फैले. अमल चैन आये और क्या चाहिए. मुझे खुशी है कि रतना पाठक शाह और नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स हैं, जो इन बातों को नहीं मानते और वे हर साल वहां आते हैं और थियेटर के कई सारे नाटक करते हैं. हम सबको पता है कि हालात नाजुक है. हम भी नहीं चाहते कि कुछ भी गलत हो. एक दौर था जब हमारा यहां आना नागंवारा था. लेकिन मुंबई पुलिस ने जिस तरह से हमारे साथ कॉपोरेट किया. यह जो कॉलेब्रेशन हो रहा है तो इससे दोनों देशों के एक्टर्स एक दूसरे के साथ जुड़ेंगे.
आपको पीके फिल्म आॅफर हुई. न करने की कोई खास वजह रही?
जी मुझे भी इस बात का थोड़ा अफसोस है कि उतने बड़े फिल्ममेकर के साथ काम नहीं कर पाया. लेकिन उस वक्त मैंने कपूर एंड सन्स को हां कह दिया था. सो, मुमकिन ही नहीं था कि मैं कर पाऊं. लेकिन वह बेहतरीन किरदार था. और मुझे लगता है कि मैं उसे बेहद खूबसूरती से निभा पाता. मैं किसी को न नहीं कह पाता. तो मुझे लगता कि कोई भी मेरा एडवांटेज ले सकता है. मैं इमोशनल बहुत हूं. तो ब्लैकमेल हो सकता.
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