रणबीर कपूर की फिल्म बेशरम तमाम बातों के बावजूद एक बुरी फिल्म है. रणबीर कपूर फिल्म की जान थे. और लोगों का यही मानना था कि फिल्म में चूंकि ऋषि कपूर और रणबीर कपूर ने पहली बार साथ साथ काम किया. फिल्म अच्छी ही बनी होगी. लेकिन लोगों की उम्मीदों पर यह फिल्म खरी नहीं उतरती. ऋषि कपूर ने फिल्म से पहले केबीसी में बातचीत के दौरान कहा कि उनकी इच्छा है कि ये फिल्म जब उनके परपोते देखें तो उन्हें खुशी होगी कि दादाजी और बेटे ने साथ काम किया है. इसी मकसद से उन्होंने यह फिल्म बनायी है. राजकपूर ने भी इसी उद्देश्य से शायद फिल्म कल आज और कल का निर्माण किया था. जिसमें उन्होंने तीन पीढ़ियों को साथ फिल्माया है. हां, यह सच है कि भले ही वह फिल्म सफल नहीं हुई. लेकिन राजकपूर ने फिल्म के माध्यम से तीन पीढ़ियों की सोच को दर्शाने की बेहतरीन कोशिश की थी. लेकिन आज अगर फिल्म बेशरम सफल भी हो जाये तो वह हर लिहाज से उस फिल्म से कम ही होगी. चूंकि कपूर खानदान की दो पीढ़ियों ने जिस तरह से बेशरम में बेशरमियत की हदें पार की हैं. वह कपूर खानदान के नाम पर एक तमाचा है. रणबीर कपूर वर्तमान दौर के सबसे बेहतरीन कलाकार हैं. और उनसे दर्शकों की उम्मीद कई गुना बढ़ चुकी है.ऐसे में बेशरम जैसी फिल्मों का चुनाव और साथ ही साथ ऋषि कपूर जैसे अभिनेता का फिल्म के लिए हां कहा जाना बेहद चौंकानेवाला निर्णय लगता है. क्या हिंदी सिनेमा में इससे पहले किसी निर्देशक ने इन कलाकारों को साथ लेकर फिल्म बनाने की परिकल्पना ही नहीं की थी? क्या ऋषि कुछ और दिन इंतजार नहीं कर सकते थे. ऋषि कपूर के उतावलेपन की वजह फिल्म में साफ नजर आ रही है. वाकई निर्देशक अभिनव कश्यप ने बेहतरीन स्टार कास्ट को बुरी तरह बर्बाद किया है.
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20131004
कपूर खानदान कल आज कल
रणबीर कपूर की फिल्म बेशरम तमाम बातों के बावजूद एक बुरी फिल्म है. रणबीर कपूर फिल्म की जान थे. और लोगों का यही मानना था कि फिल्म में चूंकि ऋषि कपूर और रणबीर कपूर ने पहली बार साथ साथ काम किया. फिल्म अच्छी ही बनी होगी. लेकिन लोगों की उम्मीदों पर यह फिल्म खरी नहीं उतरती. ऋषि कपूर ने फिल्म से पहले केबीसी में बातचीत के दौरान कहा कि उनकी इच्छा है कि ये फिल्म जब उनके परपोते देखें तो उन्हें खुशी होगी कि दादाजी और बेटे ने साथ काम किया है. इसी मकसद से उन्होंने यह फिल्म बनायी है. राजकपूर ने भी इसी उद्देश्य से शायद फिल्म कल आज और कल का निर्माण किया था. जिसमें उन्होंने तीन पीढ़ियों को साथ फिल्माया है. हां, यह सच है कि भले ही वह फिल्म सफल नहीं हुई. लेकिन राजकपूर ने फिल्म के माध्यम से तीन पीढ़ियों की सोच को दर्शाने की बेहतरीन कोशिश की थी. लेकिन आज अगर फिल्म बेशरम सफल भी हो जाये तो वह हर लिहाज से उस फिल्म से कम ही होगी. चूंकि कपूर खानदान की दो पीढ़ियों ने जिस तरह से बेशरम में बेशरमियत की हदें पार की हैं. वह कपूर खानदान के नाम पर एक तमाचा है. रणबीर कपूर वर्तमान दौर के सबसे बेहतरीन कलाकार हैं. और उनसे दर्शकों की उम्मीद कई गुना बढ़ चुकी है.ऐसे में बेशरम जैसी फिल्मों का चुनाव और साथ ही साथ ऋषि कपूर जैसे अभिनेता का फिल्म के लिए हां कहा जाना बेहद चौंकानेवाला निर्णय लगता है. क्या हिंदी सिनेमा में इससे पहले किसी निर्देशक ने इन कलाकारों को साथ लेकर फिल्म बनाने की परिकल्पना ही नहीं की थी? क्या ऋषि कुछ और दिन इंतजार नहीं कर सकते थे. ऋषि कपूर के उतावलेपन की वजह फिल्म में साफ नजर आ रही है. वाकई निर्देशक अभिनव कश्यप ने बेहतरीन स्टार कास्ट को बुरी तरह बर्बाद किया है.
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