रणबीर कपूर शायद पहले ऐसे अभिनेता होंगे, जिन्हें यह एहसास हो रहा है कि किसी अभिनेता के लिए संगीत और सुर का ज्ञान होना कितना आवश्यक है. चूंकि आप जब किसी ऐसी फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे हों जिसकी नींव भी संगीत है. आगाज भी संगीत से शुरू होता है और अंजाम भी संगीत को ही समर्पित है. इम्तियाज अली द्वारा निदर्ेशित बहुचर्चित फिल्म रॉकस्टार में एक रॉकस्टार की भूमिका निभाने में रणबीर कपूर ने वाकई अपनी बाकी फिल्मों से अलत तैयारी की.
सांवरिया से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर वेक अप सिड, बचना ऐ हसीनो, अंजाना अजानी, अजब प्रेम की गजब कहानी जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके रणबीर कपूर फिल्म रॉकस्टार को अपने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक मानते हैं.
रणबीर, अब तक आपने कई फिल्मों में अलग तरह के किरदार निभाये हैं, लेकिन आप रॉकस्टार को महत्वपूर्ण फिल्म मान रहे हैं, इसकी कोई खास वजह?
जी बिल्कुल. यह सच है कि मैंने कई फिल्मों में काम किया है और मेरे किरदार को सराहना भी मिली है. लेकिन बतौर अभिनेता मैं हमेशा कुछ चुनौतीपूर्ण तो करना ही चाहता हूं. और किसी एक्टर के लिए इससे बड़ी चुनौती और क्या होगी कि फिल्म रॉकस्टार की जिंदगी पर आधारित है और मुझे संगीत का स भी नहीं आता था. रॉकस्टार फिल्म ने मुझे सिखाया है. मेरे लिए एक इंस्टीटयूशन की तरह है. एक अभिनेता के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वह अपने किरदारों से अपनी वास्तविक जिंदगी में कुछ न कुछ सीख पाये. वही मुझे रॉकस्टार के किरदार ने दिया है.शुक्रगुजार हूं इम्तियाज अली का. फिल्म से जुड़ने के बाद मैंने जाना कि मुझे गिटार के साथ गाना है. मैंने न केवल अपनी वेशभूषा, बल्कि अपने हाव भाव में रॉकस्टार के किरदार की तरह ढलना शुरू किया. मैंने बकायदा गिटार की ट्रेनिंग ली. एआर रहमान से गाना सीखा. उनके स्टूडियो में जाकर मैंने एक आम व्यक्ति की तरह संगीत को महसूस किया है. और अब मैं कह सकता हूं कि मैं भी थोड़ा थोड़ा सुर में गा लेता हूं. मैं वाकई उन अभिनेताओं को सलाम करता हूं जो अभिनय के साथ साथ अच्छे गायक भी थे.
रॉकस्टार की कहानी के बारे में बताएं? एक रॉकस्टार की जिंदगी आम से अलग क्यों है और आखिर कैसे एक आम व्यक्ति भी रॉकस्टार बन जाता है? आपकी नजर में रॉकस्टार के वास्तविक मायने क्या हैं?
सबसे पहले मैं रॉकस्टार की कहानी के बारे में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि मैं मानता हूं कि हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में किसी एक ही चीज से बेइतहां प्यार करता है और उसी के इर्द-गिर्द अपनी पूरी जिंदगी की गतिविधिया तय करता है. हमारी इस फिल्म की कहानी भी उसी प्रेम को समर्पित है. और जहां तक बात है कि वाकई कौन है रॉकस्टार तो मुझे लगता है कि वह हर व्यक्ति रॉकस्टार है, जिसे प्यार करना, समर्पण करना और अपने जूनून के साथ जिंदगी जीनेवाला इंसान ही रॉकस्टार है.
रॉकस्टार शब्द पश्चिमी सभ्यता की उपज है. तो क्या आपका किरदार भी किसी भी रूप में वहां के किसी किरदार से प्रभावित है.
जी बिल्कुल नहीं. इम्तियाज अली का रॉकस्टार यानी जनार्दन( जॉर्डन) शुध्द भारतीय रॉकस्टार के रूप में नजर आयेगा. न सिर्फ कपड़ों से. बल्कि सोच, अपने संगीत से भी.
फिल्म में आपने कुल 123 लुक्स बदले हैं?
हां इसका श्रेय मैं इम्तियाज और अपने कॉस्टयूम डिजाइनर अक्की नरुला को देना चाहूंगा. जिसने स्क्रिप्ट पढ़ने के साथ ही मेरे लिए इतने लुक गढ़े. फिल्म में मैं एक कश्मीरी लड़के जैसा भी नजर आऊंगा, पंजाबी भी और आम व्यक्ति भी. आप गौर करेंगे कि कैसे फिल्म में कहानी के साथ साथ मेरे लुक बदलते हैं. मेरे कपड़े बदलते हैं. लेकिन वह सिर्फ फैशन के लिहाज से नहीं, बल्कि उनका किरदारों के साथ गहरा लगाव और साथ ही कहानी से भी उनका कनेक्ट होगा.
मैं जब जर्नाध्दन हूं तो मैं सामान्य रूप में नजर आता हूं. फिर जॉर्डन से रॉकस्टार की कहानी शुरू होती है. इस लुक के लिए हमने तिब्बत, कश्मीर के आम बाजारों की खाक छान कर इसे तैयार किया है.
आप शम्मी कपूर को वास्तविक रॉकस्टार मानते हैं. और शम्मी साहब कश्मीर वैली से बेहद प्यार करते थे. तो इस फिल्म से उनकी यादों को कैसे शामिल किया.
मैं खुशनसीब हूं कि मुझे दादाजी के साथ पहली और आखिरी बार काम करने का मौका मिला. मैंने जब उनसे फिल्म में अभिनय के लिए कहा तो उन्होंने फौरन मेरा साथ दिया. वे शहनाई वादक बनते हैं. हां, यह सच है कि दादाजी को कश्मीर से बेहद प्यार था. इस लिहाज से फिल्म में हमने जो भी शूटिंग कश्मीर में की है. यही मानेंगे कि वह सबकुछ दादाजी को श्रध्दांजलि के रूप में समर्पित है. जहां तक बात है रॉकस्टार की तो यह वाकई सच है कि मैं अपनी पूरी जिंदगी में उनके जैसा जिंदादिल इंसान नहीं देखा. शायद यही वजह है कि मैं उन्हें वास्तविक रॉकस्टार मानता हूं.
फिल्म के गीतों को लेकर विवाद हो रहे हैं?
देखिए, मैं इस बात का पूरी तरह सर्मथक हूं कि जिन बातों की चर्चा होती है. उसें कुछ न कुछ तो सच्चाई होचती है. रॉकस्टार युवा दर्शकों की फिल्म है. और फिल्म के गीत उन्हें ही ध्यान में रख कर लिखे गये हैं. फिल्म के निदर्ेशक अगर इम्तियाज हों, म्यूजिक निदर्ेशक एआर रहमान और गीत लिखनेवाले इरशाद हों तो उनसे लापरवाही की उम्मीद नहीं की जा सकती न, तो निश्चित तौर पर उन्होंने कुछ सोच कर इसे गढ़ा होगा.
फिल्म के गीत साडा हक, एत्थे रख का दिल्ली यूनिवर्सिटी , पंजाब-हरियाणा व जेएनयू से ताल्लुक रहा है. आपने इससे पहले इसे सुना था. जब इम्तियाज ने आपको पहले यह गीत सुनाया तो आप अचरज में पड़े थे?
हां, बिल्कुल, दरअसल, यह शब्द बहुत स्ट्राइकिंग है. मुझे बेहद पसंद आया था. फिर मैंने इसके पूरे शब्द सुने तो मैं उत्साहित था. गाना पूरी तरह युवाओं की तड़पते मन से मेल खाता है. मुझे इरशाद ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में जब परीक्षाओं को लेकर कुछ विरोध होता था तो छात्र ऐेसे नारे लगाया करते थे और मुझे नहीं लगता. इसमें किसी भी तरह के विवादित शब्द का इस्तेमाल हुआ है.
जॉर्डंन के रूप में रॉकस्टार की वह कौन कौन सी खूबियां हैं, जिसे आप अपने वास्तविक जिंदगी में उतारना चाहेंगे?
उसका जूनून और समर्पण करने का अंदाज.
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