20111014

एक्शन फिल्मों पर ध्यान दूंगा ः जॉन अब्राह्म



फिल्म वांटेड, दबंग, बॉडीगार्ड व सिंघम से हीरोइज्म का दौर फिर से लौटा है. इसी कड़ी में अगला नाम फोर्स है. पिछली कई फिल्मों में रोमांटिक व कॉमिक किरदार निभाने के बाद एक बार फिर से जॉन अब्राह्म पूरे जोश में है. फिटनेस गुरु माने जानेवाले जॉन ने इस फिल्म के लिए विशेष रूप से तैयार किया है. पेश है अनुप्रिया अनंत से हुई उनकी बातचीत के मुख्य अंश

अत्यधिक जिम शारीरिक श्रम की वजह से जॉन को पिछले कुछ सालों से अधिक एक्सरसाइज करने से मना किया गया था. चूंकि उनकी रीढ़ की हड्डी में बड़ी दिक्कत गयी थी. इसके बावजूद उन्होंने फिल्म फोर्स में अपना पराक्रम दिखाने में कोई कम नहीं छोड़ी है.

जॉन, आप फिटनेस गुरु माने जाते हैं. खासतौर से लड़के जो प्रायः जिम जाते हैं.आप उनके लिए आदर्श हैं. लेकिन आपने काफी दिनों के बाद कोई एक्शन फिल्म करने का निर्णय लिया. कोई खास वजह?

हां. चूंकि फिटनेस को लेकर मैं इस कदर सर्तक रहता था कि पिछले दिनों कुछ परेशानी आ गयी थी पीठ में. सो, डॉक्टर की सलाह पर मैंने एक्शन फिल्में कम कर दी थी.

फिल्म फोर्स में आप पूरे फोर्स में नजर आ रहे हैं?

किस तरह की तैयारी है आपकी.

बिल्कुल, कोशिश यही है कि दर्शकों की अपेक्षाओं को फिर से पूरी करूं. हाल की कुछ फिल्मों में मैंने कुछ भी एक्शन नहीं किया. मैं एक्शन को मिस करता था. थैंक गॉड अब फिर से मौका मिला. फिल्म के लिए एक बार फिर से मैंने 8 पैक्स एब्स बनाये हैं. और कोशिश है कि एक्शन दृश्यों के साथ खुद की मेल बिठा पाऊं. इस फिल्म के लिए मैंने विशेष रूप से तैयारी की है. शारीरिक रूप से अपने डायट पर सबसे अधिक ध्यान दिया है. कोशिश की है कि अधिक से अधिक एक्शन दृश्य खुद से फिल्माऊं. जो कि एक जोखिम भरा काम था. लेकिन शुक्रगुजार हूं कि निशिकांत कामत की तरह निदर्ेशक मिले हैं, जिन्होंने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि मेरे शारीरिक बनावट के आधार पर जिस भी तरह के एक्शन मुझ पर शूट करेंगे. मुझे वैसे ही एक्शन दृश्य दिये गये हैं.

बतौर अभिनेता आप सभी जब शूटिंग के दौरान एक्शन दृश्य कर रहे होते हैं तो उस वक्त आपके मन में किस तरह की बातें चल रही होती हैं. और खासतौर से तब जब एक्शन दृश्यों का बार बार रिटेक करना हो तो.

देखिए, डर तो लगता है. लेकिन उस वक्त दिमाग में यही बात चलती रहती है कि हम टीम हैं. तो कुछ भी नहीं होगा. आपके एक्शन निदर्ेशक का फुर्तीला और सर्तक रहना सबसे अहम है. अगर वह आपके साथ हैं तो आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती, बल्कि मैं तो मानता हूं और मैं सैल्यूट करता हूं उन स्टंट मास्टर्स को जो अपनी जान की जोखिम लगाकर किसी फिल्म को पूरा करते हैं.

फोर्स के दौरान आपने अपने एक्शन निदर्ेशक से क्या क्या गुर सीखे?

मुझे बेहद खुशी हुई थी, जब मुझे पता चला कि मुझे आलम अमीन सर मिले हैं. चूंकि फिल्म साउथ की रीमेक है, तो जाहिर सी बात है वहां के सीन पर आधारित कई दृश्य रहे होंगे. लेकिन हमने इस बात का ध्यान रखा कि फिल्म में कुछ भी अटपटे एक्शन दृश्य न फिल्माये जायें.

फिल्म धूम से कुछ एक्शन के दृश्य लिये आपने?

नहीं, इस फिल्म में पूरी सोच निशिकांत कामत की थी. उन्होंने बिल्कुल अपने तरह की फिल्म बनाई है.

आनेवाले समय में क्या हम आपको और भी एक्शन फिल्मों में देखेंगे?

जी हां बिल्कुल, मेरा पहला पैशन एक्शन फिल्में ही हैं. हां, इन बातों का ख्याल जरूर रखूंगा कि अपनी सेहत के साथ कोई नाइंसाफी न करूं. बल्कि मैं युवाओं को भी यही कहना चाहूंगा. चूंकि मैं कई बार सुनता हूं कि दर्शक जब मेरी फिल्में देख कर वैसे स्टंट आजमाते लगते हैं. मैं बस यही कहूंगा उनसे कि यह सही नहीं है.

फिल्म में आपके काफी भारी बाइक भी चलाया है.

हां लगभग 120 किलो की बाइक थी.

इस फिल्म में आपको खुद की शारीरिक बनावट पूरी करने में कितना वक्त लगा?

मुझे लगभग आठ महीने इस लुक को तैयार करने में लगे.

कभी-कभी एक्शन करते वक्त बतौर अभिनेता आप यह महसूस नहीं करते कि कुछ एक्शन दृश्य थोड़े अटपटे से हो गये हैं या लार्जर दैन लाइफ हो जाते हैं, जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है.

मैं मानता हूं कि सिनेमा एक विजुअल मीडियम है. साथ ही सिनेमा में थोड़ी कल्पनाएं तो होती ही हैं. लेकिन वही चीजें दर्शकों को अच्छी भी लगती हैं तभी तो फिर से एक्शन हीरो का दौर लौटा है.

सलमान, संजय, रितिक , अजय और जॉन में आप किसे कितने अंक देना चाहेंगे. एक्शन फिल्मों की बात करें तो?

सभी बेस्ट हैं. खुद को सबसे पीछे और सलमान को सबसे आगे रखना चाहूंगा. वह बहुत समर्पित हैं. यह उनकी सबसे खास बात है. वह अच्छा समन्वय बना लेने में सफल होते हैं. एक्शन लुक में भी और चार्मिंग लुक में भी.

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