20111014

एक दिन केबीसी के अमिताभ के साथ



केबीसी पिछले पांच संस्करण से सफलता के आयाम कायम कर रहा है. फिलवक्त इस कार्यक्रम को सर्वाधिक टीआरपी मिल रही है. एक ही फॉरमेट, वही सेट, वही होस्ट होने के बावजूद इस कार्यक्रम को अब भी सर्वाधिक लोकप्रियता मिल रही है. क्या रही इसकी खास वजह या फिर वजह है सिर्फ और सिर्फ अमिताभ बच्चन. तो, आखिर उनमें ऐसा कौन सा जादू है, जो आज भी दर्शकों को इस शो और केबीसी के अमिताभ बच्चन से जोड़े रखने में कामयाब है. आखिर केबीसी क्यों है अदभुत खेल. कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब और इस अदभुत खेल की बारीकियों को नजदीक से जानने की कोशिश में हम पहुंचे केबीसी के सेट पर.

सुबह के 11 बज रहे हैं. हम पहुंच चुके हैं मुंबई की फिल्म सिटी स्टूडियो नंबर16 पर स्थित केबीसी के सेट पर. शूटिंग की तैयारी चल रही है. पूरा हॉल ऑडियंस से भरा है. यह शो वाकई अदभुत क्यों है. हमारे इस प्रश्न का जवाब हमें सेट पर एंट्री लेने के साथ ही मिल चुका है. यह अदभुत इसलिए कि प्रायः शूटिंग में बैठे ऑडियंस पेड होते हैं, जिन्हें प्रोडक्शन टीम द्वारा ही तालियां बजाने के लिए बुलाया जाता है. लेकिन यहां बात कुछ और थी. प्रोडक्शन टीम में से ही किसी ने बताया कि केबीसी पहला ऐसा शो है, जहां पेड ऑडियंस नहीं आती. सभी शिक्षित वर्ग से आते हैं और अमिताभ बच्चन से मिलने की लालसा में यहां आते हैं. चूंकि इस खेल में ऑडियंस पोल का भी अहम महत्व है. इसलिए शिक्षित लोगों को ही बुलाया जाता है. सभी शांत बैठे हैं. सबको इंतजार है कि कब उनका महानायक उनके सामने आये. अचानक पूरा हॉल तालियों से गूंज उठता है. काले रंग के वेलवेट कोट में सेट पर पहुंच चुके हैं अमिताभ बच्चन. वे आते हैं और आने के साथ सबसे पहले वहां बैठे ऑडियंस का अभिनंदन करते हैं. उन्हें शुक्रिया अदा करते हैं. और हंसते-हंसते सबको अपने स्थानों पर बैठ जाने को कहते हैं. दर्शकों के चेहरे पर अपने महानायक को देखते ही अलग ही चमक चुकी है. अमिताभ अब अपना ध्यान काम पर केंद्रित करते हैं. क्रू उन्हें एपिसोड का सार बताते हैं.आज का दिन बाकी के दिनों से थोड़ा अलग है. वजह. कार्यक्रम के फॉरमेट में थोड़ा बदलाव किया जा रहा है. अब से करोड़पति की प्रस्तुतिकरण में अमिताभ रैप धुन का भी इस्तेमाल करेंगे. रैप धुन के साथ वे कौन बनेगा करोड़पति की शुरुआत करेंगे. अमिताभ के सामने टेलीप्रांपटर है, िजस पर सभी प्रतिभागियों का परिचय है. इसी बीच अमिताभ के मेकअपमैन दीपक दौड़ कर जाते हैं. अमिताभ के बाल बनाते हैं. यहां उनके लिए उनका आईना कैमरा है. कैमरा क्लोजअप होता है. तो अमिताभ खुद को कैमरे से जुड़े बड़े मॉनिटर पर देखते हैं. देखने के बाद मजाकिया अंदाज में अपने मेकअपमैन को कहते हैं. अमिताभ मजाक करते हुए कहते हैं कि अरे कितना चिपकाओगे अब, आईना कैमरा तो कह रहा है कि हम ठीक ही लग रहे हैं. दर्शकों के बीच ठहाकों की आवाज आती है. दर्शकों के बीच से ही एक आवाज आती है. सर, आप तो बिगड़े बालों में भी खूब लगेंगे. अमिताभ भी हंस देते हैं. बहरहाल, अब क्रू से संकेत मिल चुका है. पहले स्टैंड बाय शॉट लिया जायेगा. कैमरा रोल होता है और एक्शन स्टैंड बाय शॉट के लिए. शूटिंग के दौरान ही एक रैप म्यूजिक पर अमिताभ अपने साथ साथ दर्शकों को भी ताल मिलाने को कहते हैं. और सभी दर्शक ताल में ताल मिलाने लगते हैं. कैमरा कट होता है. स्टैंड बाय के बाद फाइनल शॉट की तैयारी की जाती है. इसी बीच अमिताभ बजाय अपने कमरे में जाने के सेट पर ही मौजूद हैं और शूटिंग शुरू होने से पहले अमिताभ उस एपिसोड के हर प्रतिभागियों से खुद जाकर बात करते हैं. उनका मनोबल बढ़ाते हैं. उनसे हाथ मिला कर उन्हें नर्वस होने को कहते हैं. उनके चेहरे पर मुस्कान है. उनकी बातें इसलिए भी सबका मन मोहती है कि वे बिना किसी बनावटीपन के अपने अवधिया हिंदी लहजे में ही सभी से बात करते हैं. वे अवधिया अंदाज अपनाने में जरा भी नहीं हिचकते. वहां बैठे सभी दर्शकों की नजर सिर्फ और सिर्फ बिग बी के हर एक हाव भाव पर है. इसी बीच वे जब क्रू से किसी को देखते हैं कि वे प्रतिभागियों को कई चीजें समझा रहा. वे कहते हैं कि अरे भई, उन्हें बड़ा खेल खेलना है. ज्यादा कुछ भी समझाइये. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आप सिर्फ मेरी बात सुनिए..और किसी की नहीं. एकदम नर्वस मत होइए. अपने अवधि भाषा के अंदाज में जैसे ही उनके मुख से यह बातें निकलती हैं. पूरा हॉल तालियों से गूंज उठता है. रिहर्सल के बाद शॉट ओके की बारी आती है. कैमरा रोल हो रहा है एंड एक्शन....सुनते ही अमिताभ पूरी ऊर्जा के साथ अभिवादन करते हुए पंचकोटि महामनी का आहवान करते हैं. शूटिंग जारी है. जहां जरूरत है वह निदर्ेशानुसार रुक रहे हैं. दोबारा रीटेक दे रहे हैं. बिना किसी खीझ के वे रीटेक्स दे रहे हैं. बीच में कट के दौरान वे लोगों से बतिया भी रहे हैं, आप कहां से आये हैं... अपने रीटेक्स के बारे में वे बता रहे हैं. भाषा में अब भी अवधिपन है..अब क्या करें..जब तक वहां से ग्रीन सिग्नल नहीं मिलता. तब तक रीटेक देना पड़ता है. संकेत मिलता है शॉट ओके हो चुका है. अब एक बंगाल से आयी महिला प्रतिभागी हॉट सीट पर पहुंचती है. अमिताभ प्रश्न पूछने से पहले उनसे बतियाते हैं. हमारी निगाहें सेट पर रखे प्रांपटर पर जाती है. चूंकि अब तक हम यही सोचा करते थे कि प्रतिभागियों से बातचीत भी स्क्रिप्ट के अनुसार होती है. लेकिन वहां जाकर हमारा भ्रम टूटा. अच्छा लगा. यह जानकर कि प्रतिभागियों से अमिताभ की बातें कैजुअल होती हैं. अमिताभ उस महिला के साथ बिल्कुल सामान्य तरीके से बात करते हैं. उस महिला के यह पूछने पर कि सर आप इतने लंबे हैं तो कभी हॉट सीट पर बैठने में तकलीफ नहीं होती. तो, वे बिना किसी झिझक के हंस देते हैं और कहते हैं कि देखिए हमने नीचे रखा है, क्रिस्टल का यह पायदान. पैर रखने में सहुलियत होती है. चिंता मत करिए, हमारा यहां बड़ा ख्याल रखा जाता है. उनकी यह बातें सुनकर सारे ऑडियंस फिर खुश हो जाते हैं. वह बार बार सभी प्रतिभागियों को समझाते हैं कि अगर प्रश्न का जवाब मालूम हो. लाइफलाइन हो तो क्वीट कर दीजिए, ताकि आपको नुकसान हो. वे सभी से बिल्कुल परिवार के लोगों की तरह बातें कर रहे हैं. शूटिंग शुरू हो चुकी है. फिर आती है फोन ऑफ फ्रेंड की बारी. फोन की घंटी बज रही है.दूसरी तरफ किसी ने फोन उठाया. इधर से आवाज जाती है, नमस्कार मैं अमिताभ बच्चन बोल रहा हूं. अमिताभ आवाज सुनते ही वह व्यक्ति खुश हो जाता है. अमिताभ के चेहरे पर भी हंसी है. वे इत्तिमिनान से बात करते हैं. और फिर शॉट आगे बढ़ता है. महिला का जवाब गलत होता है और वह 80 हजार ही जीत पाती है. फिर वह महिला एक तोहफा देती है जिसे अमिताभ सहज स्वीकार करते हैं. इसी बीच एक्सपर्ट एडवाइस में आयी मेहमान ॠचा अनिरुध्द से भी दर्शकों को रूबरू करवाते हैं. और कैमरे के पीछे भी उनसे माइक्रोफोन द्वारा बात कर रहे हैं और उनका ख्याल रख रहे हैं. एक के बाद एक दूसरे प्रतिभागी रहे हैं. वे अमिताभ से बातें कर रहे हैं. और अमिताभ भी बिंदास होकर बिना किसी की बातों का बुरा माने. बतियाते जा रहे हैं. यहां तक कि उन्हें अगर कोई प्रतिभागी कुछ तोहफे दे रहा है तो वह उसे स्वीकार रहे हैं और कट होते ही अपनी सेक्रेटरी से कहते हैं कि इसे याद से हमारे कार में रख दें. इसी दौरान जब एक प्रतिभागी उन्हें एक जयपुर की पगड़ी तोहफे में देते हैं और अमिताभ को पहनाते हैं तो अचानक जैसे केबीसी के अमिताभ में कहीं से दादा अमिताभ नजर आने लगते हैं. वे खुश होकर कहते हैं कि अरे वाह यह पगड़ी कैसी लग रही है. मुझ पर बताएं. मैं इसे संभाल कर रखूंगा फिर जब मेरा पोता या पोती होगा तो उसे पहन कर दिखाऊंगा. यहां एक खास बात समझ आती है कि अमिताभ दादा बनने के लिए कितने अधिक उत्साही हैं. उनका उत्साह कई बार सेट शो के प्रतिभागियों से बातचीत में बहू की गर्भवती होने का जिक्र करने से भी नजर आता रहा है. बहरहाल, अब वह फिर से गंभीर हो चुके हैं. शॉट ओके हो रहा है. सेट देखने के बाद एक और बात जेहन में आयी कि प्रतिभागी और ऑडियंस सीट की दूरी तो अधिक नहीं है. अगर कोई प्रतिभागी चाहे तो वह ऑडियंस की तरफ देख कर भी जवाब दे सकता है. लेकिन यह भ्रम भी टूटा. चूंकि जब शूटिंग शुरू हुई. अमिताभ ने आग्रह किया था कि कृप्या कोई भी प्रांप्ट करें. वोटिंग मशीन है. उसका ही इस्तेमाल करें. और आश्चर्य कि खेल शुरू होते ही पूरी तरह शांति फैल गयी. दर्शक पूरी तरह शो में सम्मोहित हो चुके है, दरअसल, यह सम्मोहन तो था अमिताभ की बातों का. चूंकि उन्होंने आग्रह किया था.इसलिए किसी ने कोई बदतमीजी की भी नहीं. शॉट ओके होते जाते हैं. फिर से कट होता है. कट होते ही वह दर्शकों के बीच जाते हैं और उन्हें कहते हैं कि आप सभी का धैर्य देख कर खुशी हो रही है. दर्शकों के बीच से कोई कहता है सर आप भी तो इतनी देर से काम कर रहे हैं. वे बेहद विनम्रता से कहते हैं..अरे हमारी तो नौकरी है...आप सभी तो यूं ही आये हैं..तो फिर धैर्य रखा है आपने. आप कृपया कहीं जाये.शो के अंत में मैं आप सबसे हाथ मिलाऊंगा और फोटो भी खिचवाऊंगा. फिर तालियां गूंज उठती है. फिर से शूटिंग शुरू होती है. और पूरा माहौल शांत हो जाता है. सबकी निगाहें सिर्फ अमिताभ पर हैं. 7 घंटे बीत चुके हैं. अमिताभ अब भी हॉट सीट पर हैं. वे लगातार वे सारे शॉट्स को ओके कर रहे हैं. अब पैकअप की तैयारी है.लेकिन अमिताभ इस दौरान अपना वादा नहीं भूले. वे लोगों के बीच आते हैं. सबसे हाथ मिलाते हैं और फिर तसवीरें भी खिचवाते हैं. यह पल आते ही ऐसा लगा, जैसे दर्शक इतनी देर से सिर्फ इसी एक पल के इंतजार में पूरे धैर्य के साथ थे. अमिताभ घिर चुके हैं. वे थक चुके हैं. लेकिन फिर भी वे ऑटोग्राफ दे रहे हैं. उनके चेहरे की मुस्कान जारी है. लगभग 10 मिनट के बाद वे सेट से बाहर जाते हैं और फिर आराम की मुद्रा में अपने वैन तक पहुंचते हैं. पानी पीते हैं और हाथों में मोबाइल लेते हैं. अब वक्त टि्वट को देना था. चूंकि उन आठ घंटों में जब तक शूटिंग जारी थी. वे सिर्फ और सिर्फ केबीसी के अमिताभ थे. उन्होंने शो से इतर और कोई भी बात नहीं की. पूरे समर्पण के साथ वे हर दिन यूं ही केबीसी को अपना वक्त देते हैं. शायद काम के प्रति उनका यही समर्पण ही संजीवनी है, जिसने आज भी दर्शकों को केबीसी से मजबूती से बांधे रखा है.

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