20110411

हिंदी सिनेमा जगत की खूबसूरत-सी किताब ः माधुरी


वे जब बोलती हैं तो सिर्फ उनकी जुबां नहीं उनकी आंखें भी बोलती हैं. वह जब नृत्य करती हैं तो उनकी ताल से ताल मिलाने में उनकी निगाहें व चेहरे की भाव-भंगिमाएं भी गुरेज नहीं करती. वे भी उनके साथ थिरकने लगती हैं. वे जब अभिनय करती हैं तो दीदी के देवर के साथ-साथ दर्शकों को भी दीवाना बना दिया. वे अब फिल्मों में बतौर अभिनेत्री नजर नहीं आती. लेकिन इसके बावजूद आज भी उनकी अदाकारी, शोख-अदाओं व उनकी खूबसूरती का कायल सारा जमाना है.

वे अपने हर काम को संजीदगी से लेती हैं. इतने सालों के बावजूद इन दिनों जब वह सोनी टीवी के शो में जज की भूमिका निभा रही हैं. आज भी वह वक्त की उतनी ही पाबंद हैं. वे स्वीकारती हैं कि एक अभिनेत्री के लिए अभिनय से बढ़ कर कुछ नहीं होता.

माधुरी, कभी अभिनय को मिस नहीं करती?

आप एक अभिनेत्री से ऐसा प्रश्न पूछ रही हैं. निस्संदेह करती हूं. मैंने बेहद कम उम्र से कैमरे से दोस्ती कर ली थी. हर वक्त कैमरे के सामने तरह-तरह के चेहरे बनाना, अभिनय करना, संवाद कहना. सबकुछ बेहद मिस करती हूं. खासतौर से अभिनय को तो बेहद. हां, सच है कि अब अपनी वास्तविक जिंदगी में बहुत व्यस्त हो चुकी हूं. लेकिन फिर भी अभिनय मेरे जीवन का अनमोल तोहफा है और इसे खुद से कभी अलग नहीं कर पाऊंगी.

अपनी व्यस्तताओं में कितना ध्यान दे पाती हैं इस कला की ओर. नृत्य-अभ्यास का भी वक्त मुश्किल से निकाल पाती होंगी अब तो?

नहीं ऐसा नहीं है. मुझे जब भी वक्त मिलता है मैं नृत्य का अभ्यास करती हूं. इसे कैसे छोड़ सकती हूं. घर पर जब कोई नहीं होता तो मैं अपनी फिल्मों के गाने पर डांस कर लेती हूं.हां, यह जरूर है कि वहां कैमरा नहीं होता. तो बस अपनी ही धुन में घर के बल्बों को ही अपना कैमरा समझ लेती हूं.

आपने बॉलीवुड से जिस वक्त विराम लिया. उस वक्त आपको ऐसा नहीं लगा कि मैं एक जिंदगी पाने के लिए एक जिंदगी छोड़ने जा रही हूं?

आप जिंदगी में सबकुछ हासिल नहीं कर सकते. और जो हासिल कर ले. वे बेहद लकी होते हैं. मैंने लकी रही कि मुझे दर्शकों का प्यार भी मिला और परिवार का सहयोग भी. मैंने हिंदी सिनेमा में लंबे अरसे तक काम किया. हर तरह के किरदार निभाये. अब बारी थी कि असल जिंदगी में किरदार निभाये जायें. सो मुझे इसका कोई अफसोस नहीं हुआ. मैं हमेशा कहती हूं कि आपको जिंदगी में संतुष्ट होना बेहद जरूरी है. एक सीमा बांधें. मुझे यही चाहिए. इतना ही चाहिए. फिर परिवार से बड़ा सुख और क्या होता है.

आपका अब तक पसंदीदा किरदार कौन सा रहा.

मुझे अपना किरदार राम लखन में भी बेहद पसंद आया था और साजन फिल्म भी मेरे बेहद करीब है. लेकिन हम आपके हैं कौन को मैं चाहे कितनी भी बार देखूं मैं भूल नहीं पाती. सबसे फेवरिट है वह मेरे लिए. हां, यह अलग बात है कि अपनी शादी में मैंने वैसी मस्ती नहीं की.

शुरुआती दौर में जब आप फिल्मों में आयीं और कुछ सालों बाद कई बदलाव आये थे. मसलन मेकअप, संवादों में तो उन अनुभवों को सांझा करें.

हां, बिल्कुल बदलाव आये थे. खासतौर से मेकअप व फैशन में बेहद बदलाव आये थे. आप गौर करें तो साजन फिल्म में जिस तरह से हमारा मेकअप किया गया था. वह बाद में आउट ऑफ फैशन हो गया. अगर मैं वैसे मेकअप करना शुरू कर दूं तो सभी कहेंगे कि माधुरी के पास सेंस नहीं है. लेकिन तभी लड़कियों को वही अंदाज पसंद आया था. तो निस्संदेह हर दौर में इसमें बदलाव तो होते रहे हैं. बाद की फिल्मों में बहुत लंबे और इमोशनल संवादों की कमी नजर आती थी.

इतने सालों के बावजूद पूरी दुनिया आपके नृत्य व अदाकारी की कायल है.

मैं मानती हूं कि मैं एक अच्छी डांसर बन पायी. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. बचपन से ही मैं डांस करती रहती थी. आइने के सामने. दरअसल, उस दौर में वैसे गीत भी बनते थे. जिन पर बेहतरीन डांस परफॉरमेंस दिये जा सकते थे. अच्छा लगता है कि अब जबकि मैं बहुत सक्रिय नहीं हिंदी सिनेमा जगत में . िफर भी दर्शकों का प्यार मिलता रहता है.

आपके अनुसार एक अच्छे डांसर की सबसे खास बात क्या होती है?

उसके चेहरे की भाव-भंगिमाएं. जब आप डांस करें तो आपका पूरा शरीर भी साथ में नृत्य करे. उसमें वह लचक नजर आये. खूबसूरती नजर आये. ऐसा महसूस हो कि आप दिल से नृत्य कर रहे हैं.

इन दिनों आपको बॉलीवुड में सबसे अधिक कौन-कौन से कलाकारों में नृत्य की संभावना दिखती है

मुझे रणबीर कपूर पसंद हैं और अभिनेत्रियों में ऐश्वर्या और करिश्मा मेरी हमेशा से पसंदीदा डांसर रही हैं. पुराने दौर की बात करें तो शम्मी कपूरजी हमेशा दिल के करीब हैं. उनसे बेहतरीन डांसर तो मैंने आज तक नहीं देखा. वह खुद अपने अंदाज में डांस करते थे.

विद्या बालन को आप बेहद पसंद करती हैं?

हां, विद्या बालन की सबसे अच्छी बात मुझे यह लगती है कि वे अपने अभिनय में बहुत भारतीयता व मौलिकता प्रदान करती हैं, उनकी मुस्कान अच्छी है और वे भारतीय परिधानों को अच्छे तरीके से होल्ड करती हैं. मैंने उनकी फिल्म इश्किया देखी है और उनमें बहुत सारी संभावनाएं नजर आती हैं.

झलक दिखला जा का अनुभव कैसा रहा.

बहुत अच्छा. बहुत दिनों बाद अपने घर लौटने का मौका मिला. बहुत कुछ बदल गया है. लेकिन अच्छा लगता है कि मेरे लिए लोगों का प्यार अब तक वही है. लोग अब भी माधुरी से मिलने के लिए बेताब हैं. उनकी बेताबी मेरे लिए जड़ीबुटी है. वरना, इस दुनिया में लोग हमेशा नये चहरे की ही तलाश करते हैं. ऐसे में मैं सबके दिल के करीब हूं. झलक से कई बेहतरीन टैलेंट से मिलने का मौका मिला. उन्हें देख कर लगा कि छोटे परदे पर भी टैलेंट की कमी नहीं. खासतौर से सूशांत सिंह का नृत्य मुझे बेहद पसंद है.

बच्चे कहें कि उन्हें अभिनय के क्षेत्र में आना है तो...

हंसते हुए तो कहूंगी कि बेटा धक धक पर डांस करो...हा हा हा. अभी तो वे बेहद छोटे हैं. चाहूंगी कि वे इससे जुड़े रहें और अपने मन मुताबिक कला को अपनाएं.

फूड चैनल की एंबैसेडर बनने की खास वजह.

मेरे पति और मैं खाने के बेहद शौकीन हैं.सो, हम दोनों को इसी बहाने कई तरह के नये डिश बनाने के तौर-तरीके आ जायेंगे. फूड चैनल का प्रस्ताव आते हीं मैंने खुद में बेहद फ्रेश फ्रेश महसूस किया. तो सोचा कि इसमें हर्ज ही क्या है.

आपके कुछ पसंदीदा गीत व उपाधि जो अब तक आपके दर्शकों ने आपको दिये

धक धक गर्ल व एक दो तीन गर्ल की उपाधि हमेशा करीब रहेंगे दिल के. गीतों में तू शायर है, हम आपके हैं कौन के गीत, दिल तो पागल है. हमेशा करीब रहेंगे. बिरजू महाराज से जुड़ने का मौका देवदास के गीत मार डाला से मिला. सो, उसकी तूलना अन्य किसी गीत से नहीं कर सकती.

सूरज बड़जात्या ः निदर्ेशक

संजीदगी बरकरार रहेगी माधुरी की

हम आपके हैं कौन माधुरी की पसंदीदा फिल्म रही है. और हमारी भी. हमारे परिवार ने हमेशा दर्शकों के लिए ऐसी फिल्में बनाने का मौका दिया है. जिसमें परिवार पूरी तरह घुलमिल सके. सच कहूं तो हम आपके हैं कौन हर परिवार की कहानी थी. ऐसे में हमारा सौभाग्य था कि माधुरी ने फिल्म के लिए हां कही थी. फिल्म में उन्होंने चुलबुला किरदार भी निभाया था और एक गंभीर किरदार भी. लेकिन दोनों ही रूपों में उनका गजब का सामंजस्य था. वह तालमेल वह अपने नृत्य के साथ भी जारी रखती थी. वे संजीदा अभिनेत्री हैं. और हमेशा उनकी संजीदगी यूं ही बरकरार रहेगी.

उनके लिए तो बस परफेक्ट ः सरोज खान

माधुरी और श्रीदेवी की मैं बहुत बड़ी फैन हूं. सभी जानते हैं. वह मेरे लिए मेरी शिष्य कम. बेटियां अधिक हैं. माधुरी को किसी भी स्टेप्स को सिखने में वक्त नहीं लगता था. दरअसल, वह डांस को पूरी तरह एंजॉय करती हैं. यही वजह है कि उनके हर टेक पर मैं परफेक्ट कहे बिना नहीं रह पाती थी.

सेट पर भी वह दीदी ही बोला करती थी ः रेणुका सहाणे

कई सालों के बाद हमारी मुलाकात झलक के सेट पर हुई थी. हमने हम आपके हैं कौन के कई दृश्यों के बारे में चर्चा की थी. मुझे याद है जब हम दीदी तेरा देवर दीवाना की शूटिंग कर रहे थे. उस वक्त का माहौल बिल्कुल घरेलू सा हो गया था. माधुरी ने मुझसे कहा था कि दीदी काश मेरी शादी में भी यह सब हो जाये तो कितना मजा आयेगा न.

देवदास का वह गीत नहीं भूल सकता ः शाहरुख खान

उस वक्त जब फिल्म देवदास की शूटिंग हो रही थी. हम सभी बहुत मस्ती किया करते थे. इससे पहले भी मैंने माधुरी के साथ कई फिल्मों में काम किया था. लेकिन वह मौका खास था. चंद्रमुखी के रूप में माधुरी. आहा. क्या लग रही थी माधुरी. मैं उन्हें बार-बार चिढ़ाता. माधुरी वह अंदाज दिखाओ न जो तुम दोनों आइब्रोज को ऊपर-नीचे करती हो. और माधुरी बेहद सलीके से उसे दिखाती भी. वाकई माधुरी हिंदी सिनेमा जगत की लेजेंड रही हैं और हमेशा रहेंगी. हमारी बेहद प्रिय हैं वह.

एक्स्ट्रा शॉट्स ः

माधुरी दीक्षित ने अब तक अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए कई पुरस्कार हासिल किये हैं. फिल्म हम आपके हैं कौन, देवदास, दिल तो पागल है जैसी फिल्मों के लिए उन्हें कई सम्मान से नवाजा जा चुका है.

बड़ा दुख दीना मेरे लखन ने...गीत के लिए माधुरी ने कई दिनों तक उपवास रखा था ताकि उनके चेहरे पर वह उदासी नजर आ सके, जो किसी लड़की के चेहरे पर तब आती है जब उसका प्रियवर उससे दूर हो जाता है.

माधुरी के बच्चों ने आजा नच ले फिल्म की शूटिंग के दौरान यह जाना कि उनकी मम्मी अभिनेत्री हैं.

सलमान खान के साथ पहला-पहला प्यार है गाने की शूटिंग के दौरान उन्हें कई बार शॉट देने पड़े थे, क्योंकि सलमान ने उससे पहले कोई ऐसी बात कह दी थी कि माधुरी अपनी हंसी नहीं रोक पा रही थीं.

बॉक्स में ः

झारखंड के जमशेदपुर में साक्षी स्थित पप्पू सरदार चाट भंडार के संचालक पप्पू सरदार माधुरी के बहुत बड़े फैन हैं. वे माधुरी को अपनी छोटी बहन मानते हैं. उन्होंने अपनी दुकान में हर तरफ माधुरी की तसवीर लगा रखी है. और उनकी पूजा भी करते हैं. आजा नच ले के प्रोमोशन के दौरान माधुरी ने बतौर पप्पू सरदार को बुला कर उनसे मुलाकात भी की थी.

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