उस जमाने की मशहूर अभिनेत्री ने हाल ही में एक पत्रिका को दिये अपने इंटरव्यू में यह बात दोहराई कि उन्होंने उस दौर में कुछ ऐसे सीन करने से मना कर दिया था. जिसमें उन्हें कैमरे के साथ लो एंगल में कुछ डांस मूव्स करने थे और वे लो एंगल के साथ काफी अश्लील नजर आ रहे थे. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे फिल्मों के कैबरे सांग के गानों में इन बातों का खास ख्याल रखती थी कि उनके किसी भी कैमरे एंगल से अश्लीलता न झलके. अरुणा ईरानी ने भी कुछ इसी वाक्या सुनाते हुए कहा था कि वह जब भी कैबरे के लिए तैयार होती थी, वे हमेशा इस बात का ख्याल रखती थीं कि वे अपनी शरीर को ढंक कर रखें. वे कभी उत्तेजित करनेवाले मूव्स नहीं देना चाहती थीं. डांसिंग क्वीन हेलेन ने भी इस बात का जिक्र किया है कि उस दौर में भी निर्देशकों की चाहत होती थी कि वे आयटम सांग (जो कि उस वक्त फिल्मों में कैबरे या डिस्को गाने का रूप माना जाता था.)वे इस तरह से फिल्माये जाये कि वह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर सकें. लेकिन उस दौर की अभिनेत्रियां जो विशेष कर ऐसे गाने व डांसिंग की क्वीन मानी जाती थी. इन बातों को खास परहेज करती थीं. खुद बिंदू मानती हैं कि दौर कोई भी हो. इस इंडस्ट्री के कुछ पुरुष महिलाओं को केवल अंग प्रदर्शन का ही एक जरिया मानते थे. लेकिन यह अभिनेत्रियों के हाथ में होता था कि वह खुद को किस तरह परदे पर उतारें. जबकि इसके विपरीत वर्तमान में जितने भी आयटम सांग फिल्माये जा रहे हैं. उनमें सुपरसितारा हैसियत रखनेवाली अभिनेत्रियां भी जम कर अंग प्रदर्शन करती हैं. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस तरह के कैमरे एंगल में वे किस तरह नजर आयेंगी. बल्कि निर्देशकों के साथ साथ उनकी खुद की चाहत होती है कि वह अधिक अंग प्रदर्शन कर सकें. चूंकि आज यहां भी प्रतियोगिता का ही दौर है.
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20121208
आयटम सांग का बदलता स्वरूप
उस जमाने की मशहूर अभिनेत्री ने हाल ही में एक पत्रिका को दिये अपने इंटरव्यू में यह बात दोहराई कि उन्होंने उस दौर में कुछ ऐसे सीन करने से मना कर दिया था. जिसमें उन्हें कैमरे के साथ लो एंगल में कुछ डांस मूव्स करने थे और वे लो एंगल के साथ काफी अश्लील नजर आ रहे थे. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे फिल्मों के कैबरे सांग के गानों में इन बातों का खास ख्याल रखती थी कि उनके किसी भी कैमरे एंगल से अश्लीलता न झलके. अरुणा ईरानी ने भी कुछ इसी वाक्या सुनाते हुए कहा था कि वह जब भी कैबरे के लिए तैयार होती थी, वे हमेशा इस बात का ख्याल रखती थीं कि वे अपनी शरीर को ढंक कर रखें. वे कभी उत्तेजित करनेवाले मूव्स नहीं देना चाहती थीं. डांसिंग क्वीन हेलेन ने भी इस बात का जिक्र किया है कि उस दौर में भी निर्देशकों की चाहत होती थी कि वे आयटम सांग (जो कि उस वक्त फिल्मों में कैबरे या डिस्को गाने का रूप माना जाता था.)वे इस तरह से फिल्माये जाये कि वह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर सकें. लेकिन उस दौर की अभिनेत्रियां जो विशेष कर ऐसे गाने व डांसिंग की क्वीन मानी जाती थी. इन बातों को खास परहेज करती थीं. खुद बिंदू मानती हैं कि दौर कोई भी हो. इस इंडस्ट्री के कुछ पुरुष महिलाओं को केवल अंग प्रदर्शन का ही एक जरिया मानते थे. लेकिन यह अभिनेत्रियों के हाथ में होता था कि वह खुद को किस तरह परदे पर उतारें. जबकि इसके विपरीत वर्तमान में जितने भी आयटम सांग फिल्माये जा रहे हैं. उनमें सुपरसितारा हैसियत रखनेवाली अभिनेत्रियां भी जम कर अंग प्रदर्शन करती हैं. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस तरह के कैमरे एंगल में वे किस तरह नजर आयेंगी. बल्कि निर्देशकों के साथ साथ उनकी खुद की चाहत होती है कि वह अधिक अंग प्रदर्शन कर सकें. चूंकि आज यहां भी प्रतियोगिता का ही दौर है.
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