20121203

केंद्र में आते सहयोगी कलाकार


 फिल्म ओह माइ गॉड में मुख्य किरदार में हैं परेश रावल. परेश रावल हिंदी फिल्मों के चरित्र प्रधान फिल्मों के मुख्य नायकों में से एक हैं. वे लंबे अरसे से हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं. उन्होंने अब तक लगभग हर तरह के किरदार निभाये हैं. नकारात्मक, हास्य. गंभीर. सभी तरह के. हेरा फेरी  में वे बाबू भईया के रूप में प्रसिद्ध हुए तो तमन्ना जैसी फिल्मों में उन्होंने मार्मिक किरदार निभाये. फिल्म रोड टू संगम में भी उन्होंने जिस तरह का किरदार निभाया. वह बेहद भावनात्मक था. लेकिन परेश को हाल में जो लोकप्रियता फिल्म ओह माइ गॉड से मिली है. बतौर केंद्र किरदार. वह अब से पहले कभी नहीं मिली थी. फिल्म सुपरहिट रही है. और हर तरफ परेश के अभिनय की चर्चा हुई. फिल्म में अक्षय की भी भूमिका में है. लेकिन लोग इस फिल्म को परेश की वजह से ही याद रखेंगे. कुछ इसी तरह एंग ली की फिल्म लाइफ आॅफ पाइ में भारत में हर तरफ चर्चा होती रही इरफान खान और तब्बू की. लेकिन फिल्म के मुख्य किरदार जिन्होंने पाइ का किरदार निभाया है. उन्हें लेकर रिलीज से पहले कोई चर्चा नहीं थी. लेकिन रिलीज के साथ ही सूरज ने पूरा ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. फिल्म को कामयाबी मिल रही है और सूरज जैसे किरदार को दर्शकों का प्यार भी. फिल्म चिट्टगांव में भी झूनकू के किरदार निभानेवाले डेलनाज की काफी चर्चा हुई. दरअसल, हिंदी सिनेमा में जहां एक तरफ गिने चुने पांच सुपरसितारा किरदारों ने अपनी धाक जमा रखी है. उनसे ठीक चल रहे समांतर में कुछ ऐसे चरित्र कलाकार भी हैं जो नायकों पर हावी हो रहे हैं. पंकज कपूर भी मटरू की बिजली का मंडोला में सबसे प्रभावशाली नजर आ रहे हैं. हिंदी सिनेमा के बदलते इस बयार का यह भी एक उल्लेखनीय बात है. धीरे धीरे ऐसी ही फिल्मों से नये किरदारों व कलाकारों को मौके मिलेंगे.

No comments:

Post a Comment