रानी मुखर्जी की पिछली फिल्म ‘अय्या’ कामयाब नहीं रही, लेकिन फिल्म में उनकी नृत्य शैली और अभिनय की काफी तारीफ हुई. आज उनकी अगली फिल्म ‘तलाश’ रिलीज हो रही है, जिसमें वे अब तक के अपने सारे किरदारों से बिल्कुल अलग नजर आनेवाली हैं. अपनी इस थ्रिलर फिल्म के बारे में और यश चोपड़ा से उनकी स्पेशल बॉन्डिंग के बारे में रानी ने खुल कर बातचीत की..
रानी मुखर्जी भावपूर्ण किरदारों के लिए जानी जाती रही हैं. यह पहली बार होगा जब रानी किसी थ्रिलर फिल्म का हिस्सा बन रही हैं. हाल में रानी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
रानी आपने इससे पहले कभी किसी थ्रिलर फिल्म में काम नहीं किया? पहले क्या आपके पास ऐसे ऑफर आये नहीं या थ्रिलर फिल्म में आपकी खास दिलचस्पी नहीं थी. ‘तलाश’ की कहानी की क्या खास बातें थीं, जिसकी वजह से आपने फिल्म को हां कहा?
मैं हमेशा ही अलग करने की फिराक में रहती हूं. बस जहां भी मौका मिलता है कूद पड़ती हूं. हां, यह सच है कि इससे पहले भी मुझे कई फिल्में ऑफर हुई थीं, लेकिन वे उतनी एक्साइटिंग नहीं थीं. मैं मानती हूं कि किसी भी थ्रिलर फिल्म में स्क्रिप्ट पढ़ते ही थ्रील आना चाहिए.
इस फिल्म के साथ ऐसा ही हुआ. रीमा ने जब मुझे कहानी सुनायी, तो मैं बस कहानी में रोमांचित होती जा रही थी कि अरे अब क्या होगा, अरे अब क्या होगा. इसलिए मुझे ‘तलाश’ की कहानी पसंद आयी. वैसे, फिल्म के किरदार और कहानी के बारे में मैं ज्यादा नहीं बताऊंगी. आप खुद देखेंगे, तो ज्यादा मजा आयेगा.
आज के दौर में थ्रिलर फिल्में बनाना कितना मुश्किल होता जा रहा है. अगर एक भी सीन किसी हॉलीवुड फिल्म से मेल खाता-सा नजर आ जाता है, तो मान लिया जाता है कि पूरी की पूरी फिल्म कॉपी है.
फिलहाल ‘तलाश’ के बारे में इतना ही कहूंगी कि अच्छी कहानी है, ओरिजिनल है. मैं भी हॉलीवुड की थ्रिलर फिल्में देखती हूं. अब तक यह फिल्म किसी से मेल तो नहीं खा रही.
पहले की थ्रिलर फिल्मों का कुछ अलग लब्बोलुआब होता था. दर्शक बार-बार उन कहानियों को देखना पसंद करते थे. आज भी दर्शक पुरानी थ्रिलर फिल्में देख कर रोमांचित हो जाते हैं. आपकी नजर में वे कौन से तत्व होते हैं, जो फिल्मों से दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब होते होंगे.
(हंसते हुए) मैं इसका पूरा श्रेय उस वक्त के म्यूजिक को देना चाहूंगी. आप गौर करें शम्मी
कपूर साहब की फिल्म ‘तीसरी मंजिल’, क्या कमाल का म्यूजिक था उसमें. ‘मधुमती’, ‘वो कौन थी’ ये सारी फिल्में थ्रिलर थीं और इन सभी फिल्मों के रोमांच को बरकरार रखने में
मुख्य भूमिका निभाता था इनका संगीत.
संगीत सीन को सपोर्ट करता था और
दर्शक फिल्म के साथ गानों को भी याद रखते थे. ‘ज्वेल थीफ’ भी मेरी
पसंदीदा थ्रिलर फिल्मों में से एक है. ‘मधुमती’ तो.. क्या कहना है उस फिल्म का. कोई क्लू, कोई संकेत, सोचा ही नहीं जा सकता और उस वक्त इस तरह सीन को ट्रीटमेंट भी दिया जाता था कि दर्शक हैरत में पड़ जाते थे. मैं तो आज भी वे सारी फिल्में बार-बार देख सकती हूं.
पसंदीदा थ्रिलर फिल्मों में से एक है. ‘मधुमती’ तो.. क्या कहना है उस फिल्म का. कोई क्लू, कोई संकेत, सोचा ही नहीं जा सकता और उस वक्त इस तरह सीन को ट्रीटमेंट भी दिया जाता था कि दर्शक हैरत में पड़ जाते थे. मैं तो आज भी वे सारी फिल्में बार-बार देख सकती हूं.
इस फिल्म में तीन बड़े सितारे रानी, आमिर और करीना हैं. वर्तमान में करीना शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक हैं और आमिर की फिल्मों में सिर्फ और सिर्फ आमिर होते हैं. ऐसे में इस फिल्म में आपको अपने लिए कितना स्पेस मिल पाया?
मैं इस बारे में बस इतना कहना चाहूंगी कि किरदार महत्वपूर्ण था, तो मैंने हां कह दिया. जहां तक बात है आमिर की, तो मैंने उनके साथ ‘गुलाम’ में भी काम किया है. तब से लेकर अब तक आमिर अच्छे दोस्त हैं और वे भी अपने दोस्तों के काम की इज्जत करते हैं. उन्हें मौके देते हैं. जहां तक बात है करीना की, तो वे बेहतरीन अभिनेत्री हैं. हमारी अच्छी बातचीत होती है. वे मुझे अपनी सीनियर की तरह ट्रीट करती हैं. दूसरी बात जब फिल्म की कहानी ही हीरो हो, तो आपका ध्यान बाकी बातों पर नहीं जाता.
अगर व्यक्तिगत रूप से आपकी बात की जाये, तो आपको अपने जीवन में किस चीज की तलाश है?
सुकून की तलाश है. शांति चाहिए मुझे.
मतलब बेचैन हैं आप?
हां, थोड़ी तो हूं. मीडिया और लोगों को मेरी इतनी फिक्र है. वे हर बार मुझसे पूछते रहते हैं कि मैं कम फिल्में क्यों कर रही हूं. मेरी शादी कब होगी, वगैरह वगैरह. अब मैं इन झंझावतों से दूर थोड़े सुकून की तलाश कर रही हूं. अगर वह मिल जाये तो फिर से अपने काम पर पूरा ध्यान दे पाऊंगी.
यश चोपड़ा के आप हमेशा करीब रहीं. वे आपके लिए फादर फिगर थे, उनसे जुड़ी कुछ यादें शेयर करना चाहेंगी?
यश अंकल मुझे बंगाल टाइगरेस कह कर बुलाते थे. मेरे पिता की तरह ही वह मुझे स्नेह देते थे. वे एक पिता की तरह ही कहते रहते थे कि खाने-पीने पर ध्यान दो. खाओ, फिगर की चिंता मत करो और मेरी फिल्मों पर उनकी विशेष टिप्पणी होती थी.
‘नो वन किल्ड जेसिका’ देखने के बाद उन्होंने कहा था कि फॉर्म में वापसी कर ली है तुमने. इसे बरकरार रखना. यश अंकल का जाना मेरे लिए एक भारी क्षति है
‘नो वन किल्ड जेसिका’ देखने के बाद उन्होंने कहा था कि फॉर्म में वापसी कर ली है तुमने. इसे बरकरार रखना. यश अंकल का जाना मेरे लिए एक भारी क्षति है
VERY NICE ANALYSIS
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