20110515

फ़िल्मी किरदारों में कलाकार



हिंदी फिल्मों के निदर्ेशकों ने अपनी फिल्मों के माध्यम से कला जगत की विभिन्न विधाओं का हमेशा सजीव चित्रण प्रस्तुत करने की कोशिश की है. अनुप्रिया अनंत की रिपोर्ट

हिंदी फिल्मों को कलाकारों के खास प्यार रहा है. चूंकि सिनेमा खुद ही एक सृजन की क्रिया है. सो, उसका लगाव भी कल्पना व सृजनशीलता से जुड़े किरदारों से हमेशा से रहा है. शायद यही वजह है कि शुरुआती दौर से लेकर अब तक कई फिल्मों में निदर्ेशकों ने किरदारों के माध्यम से लोगों के सामने जादूगर, चित्रकार, गायक व कला के कई क्षेत्रों को उजागर करने की कोशिश की है. इसी क्रम में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म लव यू मिस्टर कलाकार नयी पहल है. इस फिल्म में भी तुषार कपूर ने एक चित्रकार की भूमिका निभाई है. सिफ चित्रकारी ही नहीं, बल्कि ऐसे और भी कई क्षेत्र रहे हैं, जिन्हें हिंदी फिल्मों में किरदारों का अहम रोजगार दिखाया गया है. साथ ही कई फिल्मों में कला को ही रोजगार का माध्यम बनाने की वजह से जिंदगी के संघर्ष से जूझते दिखाया गया है.

सुर

फिल्म सुर एक आम लड़की की महान गायिका बनने की कहानी है. जिसमें उसे उसका गुरु ही धोखा दे जाता है. दरअसल, कला की दुनिया की सबसे बड़ी विडंबना ही यही होती है कि कोई भी कलाकार नाम का भूखा होता है और कभी कभी शोहरत पाने की चाहत उस पर इस कदर हावी हो जाती है कि वह बाकी चीजें भूल बैठता है. कुछ इसी व्यथा को दर्शाने की कोशिश की गयी है. इस फिल्म में. जिसमें एक टीचर अपनी छोटी उम्र की विद्यार्थी से ईष्या करता है और उस वजह से उस लड़की की सारी जिंदगी तितिर-बितिर हो जाती है.

ताल

फिल्म ताल में सुभाष घई ने अपने निदर्ेशन के माध्यम से नृत्य व खासतौर से क्लासिकल नृत्य की खूबसूरती को दर्शाने की कोशिश की है. फिल्म में अभिनेत्री बेहतरीन सिंगर होने के साथ साथ नृत्य में भी पारंगत होती है और फिर उसे एक नया मुकाम हासिल होता है.

अभिमान

अमिताभ बच्चन व जया भादुरी की इस फिल्म में पति और पत्नी अच्छे गायक होते हैं. लेकिन शोहरत व नाम की चाहत इन दोनों पर भी हावी हो जाती है और गलतफहमियों की वजह से इनके रिश्ते में कड़वाहट आ जाती है.

लव यू मिस्टर कलाकार

तुषार कपूर व अमृता राव अभिनीत इस फिल्म में तुषार कपूर ने एक पेंटर की भूमिका निभाई है, जो अमृता से बेहद प्यार करता है. लेकिन अमृता के परिवार को तुषार का काम बिल्कुल पसंद नहीं.

धोबी घाट

धोबी घाट में किरण राव ने निदर्ेशन के माध्यम के माध्यम से दो कलाओं को प्रस्तुत करने की कोशिश की है. अरुण के रूप में एक पेंटर और शाही के रूप में उन्होंने फोटोग्राफी की कला को प्रस्तुत करने की कोशिश की है. अरुण वास्तविक पेंटर की तरह ही अपनी जिंदगी में खोये रहता है.

लंदन ड्रीम्स व रॉक ऑन

इन दोनों ही फिल्मों के किरदारों को रॉक स्टार बनने की ललक में अपने रिश्तों में उलझते दिखाया गया है. सपने को पूरा करते करते आपस में दोस्तों में गलतफहमियां हो जाती हैं और ये सभी दूर हो जाते हैं.

मिर्च

फिल्म मिर्च की तीसरी कहानी में अरुधोय सिंह को बेहतरीन पेंटर के रूप में प्रस्तुत किया गया है.

आजा नच ले

हाल की फिल्मों में लफंगे परिंदे की दीपिका व आजा नच ले की माधुरी ने नृत्य की कला का सजीव चित्रण प्रस्तुत करने की कोशिश की है.

कभी-कभी

फिल्म कभी कभी में अमिताभ बच्चन को शायर के रूप में प्रस्तुत किया गया है.

डिस्को-डांसर

एक दौर में ऐसी कई फिल्में आयी थीं, जिसमें कलाकारों ने नृत्य की कला को बेहद उजागर किया था, इनमें ऋषि कपूर, मिथुन चक्रवर्ती व गोविंदा प्रमुख अभिनेता रहें, जिन्होंने इन फिल्मों में एक डांसर की भूमिका निभाई.

इसके अलावा मिनाक्षी सोशाद्री, जया प्रदा, श्रीदेवी ने भी कई फिल्मों में इस तरह की भूमिकाएं निभाई हैं

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