20160624

सबसे बड़ा मेडल मिला तो पापा नहीं थे : रेमो डिसूजा


रेमो डिसूजा को हाल ही में राष्टÑीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वे अब स्टार प्लस के नये शो डांस प्लस की तैयारियों में जुटे हैं. उनका मानना है कि इस बार भी शो में दर्शकों को काफी नयी प्रतिभाओं को देखने का मौका मिलेगा. 

 रेमो, सबसे पहले आपको बधाई राष्टÑीय पुरस्कार के लिए, क्या अनुभूति थी यह पुरस्कार थामते हुए?
मेरे लिए यह पुरस्कार बेहद खास है. मुझे जब पता चला था तो मैं खुद इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा था कि मुझे यह सम्मान मिला है. लेकिन मैं बेहद खुश हूं और संतुष्ट हूं. लोगों का प्यार यूं ही बरकरार रहे. यही चाहता हूं. सबसे पहले तो मुझे मेरे  डैड की याद आयी. चूंकि डैडी एयर फोर्स में थे. वह हमेशा कहते थे कि तुम  एयरफोर्स में भर्ती हो जाओ. मेरा ड्रीम है कि तुम मेडल लेगा कभी,  तो मैं डांसिंग में आ गया. डैडी की नहीं मानी. पहले वह खुश नहीं थे. लेकिन मेरे लोकप्रिय होने पर सबसे ज्यादा खुशी उनको मिली. लेकिन जब मुझे वाकई सबसे बड़ा मेडल मिला, उससे पहले वह चल बसे. मेरे पिताजी की वजह से मैं आया. कामयाब  हुआ. उनको मिस करता हूं.
डांस प्लस में इस बार क्या नया है?
बहुत कुछ नया होगा. पहले तो इस बार की हमारी टीम ही मेरी ड्रीम टीम है. पुनीत भी इस बार टीम में है. धर्मेश हैं. शक्ति है. और हमारा प्यारा जोकर राघव है. वह कुछ न कुछ नया जोड़ेगा, फिर अलग तरह के टैलेंट आये हैं. उन्हें भी आपको देखने का मौका मिलेगा. पुनीत पहले सीजन से ही हमारे साथ होता. लेकिन जब तक हमने निर्णय लिया. तब तक उसने डीआइडी साइन कर दिया था. तो उस वक्त हमने फिर हमने तय किया था  कि इस बार किसी और को लेते हैं. अगली बार पुनीत होगा ही होगा. तो इस बार हमने उसे शामिल कर ही लिया.
रेमो, अपने पूरे सफर को कैसे देखते हैं?
मैं वह सफर तय कर चुका हूं. मैं जानता हूं कि मेरी जड़ें कहां हैं, कहां से आया हूं मैं. सब कहते हैं कि मैं सेलिब्रिटी हूं. स्टार हूं. लेकिन मैं कभी स्टार नहीं मानता हूं. मैं खुद को सामान्य मानता हूं. सफर मेरा दिलचस्प रहा. सपना जैसा रहा. कभी उस जगह पर थे कि कुछ सोच भी नहीं सकते थे. अभी तो  बस शुरुआत है. मैं वर्ल्ड लेवल पर डांसिंग को लेकर जाना चाहता हूं. हमारी जो फिल्म इंडस्ट्री हैं, मैं चाहता हूं कि शो ऐसे बनाऊं. फिल्में ऐसी बनाऊं कि लोग यहां की प्रतिभाओं को लेकर जायें. फिल्में यहां से लेकर जायें. न कि हम वहां से कुछ लें.
डांस को लेकर और क्या सोचते हैं. किस तरह हर बार इसमें प्रयोग कर सकते हैं?
मेरा तो मानना है कि हर दिन इस विधा में नया हो सकता है. हमने जब शुरू किया तो उस वक्त लगा था कि ब्रेकडांस सीख लिया. हम ही बेस्ट डांसर हैं. लेकिन फिर दूसरा फॉर्म आया. लॉकिंग पॉपिंग आया.पॉपिंग के बाद जंपिंग आया. डांस प्लस 2 में और भी ऐसे फॉर्म है, जो हमने भी नहीं सुना है. वह भी आ गया है. मेरे ख्याल से डांस में हर साल एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं. 
आपके लिए सबसे कठिन डांस फॉर्म कौन सा है?
मेरे लिए इंडियन क्लासिकल सबसे कठिन डांस फॉर्म है. फिर चाहे वह कथक हो या कोई भी भारतीय. इसलिए क्योंकि इसकी अलग दुनिया होती है. अलग तरीके से इसे सीखना होता है और परफॉर्म करना होता है.
आपने कई बॉलीवुड स्टार्स को नचाया है. सबसे बेहतरीन आपके लिए कौन हैं?
सभी स्टार्स मेहनत करते हैं.वरुण धवन ने तो फिल्म की है. श्रद्धा ने कमाल का काम किया है. टाइगर ने कमाल का काम किया है. मैंने तो संजय दत्त को भी नचाया है. 
डांस को लेकर और क्या सोच है?
मैं डांस के लिए एक ऐसा स्कूल बने, जो सर्टिफाइ करे. जैसे आपको डिग्री मिलती है. वैसी डांस के लिए डिग्री मिले उस स्कूल से.
आपने प्रभुदेवा का नाम हमेशा लिया है. इनके अलावा कोई और हैं, िजन्हें देख कर आपने सीखा है?
अहमद खान और सरोज खान जी से मैंने काफी सीखा  है. सरोज खान को देख कर तो लगता है कि इस उम्र में भी वह क्या मेहनत करती हैं. खासतौर से डांस के भारतीय फॉर्म में तो उनसा कोई नहीं है. मंै मानता हूं ऐसा.
जब आपने शुरुआत की थी, और जब अब बच्चे आते हैं तो कितना अलग वक्त हो गया है. उनका अप्रोच कितना बदला नजर आता है आपको?
मेरा मानना है कि अब मौके ज्यादा है. इंटरनेट है. वह तैयार होकर आते हैं. लगातार शोज में मौके मिलते रहते हैं. हमारे समय तो दिखना मुश्किल था. मेरा मानना है कि रियलिटी शोज आपको स्टार बना देता है. 

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