निखिल आडवाणी ने तय किया है कि वे अपने साथ काम कर रहे नये लोगों को मौके देंगे और वे मौके दे भी रहे हैं. फिल्म एयरलिफ्ट के निर्देशक राज भी निखिल के साथ काम कर चुके हैं और निखिल अपने एक और अस्टिेंट को नया मौका दे रहे हैं. निखिल खुद करन जौहर और आदित्य चोपड़ा के अस्टिेंट रह चुके हैं और करन ने ही उन्हें पहला मौका दिया था. संजय लीला भंसाली ने अपने साथ काम कर रहे ओंमग कुमार जो संजय की फिल्मों का सेट निर्माण करते आये हैं, उन्हें पहला मौका फिल्म मैरी कॉम से दिया. संजय ने ही पहला मौका इस्माइल दरबार को दिया था. बाद में वे नामी गीतकार बने. संजय के साथ काम कर रहे प्रशांत गोलेचा को पहले फिल्म मैरी कॉम के गाने लिखने के मौके मिले और बाजीराव मस्तानी में भी उन्होंने गाने लिखे हैं. अनुराग कश्यप अपने साथ काम कर रहे सभी अस्टिेंट निर्देशकों को मौके देते रहे हैं. आदित्य चोपड़ा के ही अस्टिेंट थे करन जौहर और करन ने अपने साथ काम कर रहे कई नये लोगों को मौके दिये हैं, जिनमें शकुन बत्रा, तरुण मनसुखानी, पुनीत मल्होत्रा जैसे नाम शामिल हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि एक अच्छे निर्देशक व लीडर की ही यह खूबी भी होती है कि वह अपने साथ साथ एक नयी लीग तैयार करते चले. रामगोपाल वर्मा की फिल्में लिख कर अनुराग कश्यप ने शुरुआत की थी. बाद में दोनों में भले ही अनबन होती रही.लेकिन आप गौर करें तो अनुराग की फिल्मों में रामगोपाल की झलक दिखती है.यह हकीकत है कि आपको पहला मौका मिलना अंत्यंत आवश्यक है, तभी आप अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं. कुछ निर्देशक सिर्फ अपनी धुन में रहते हैं. उन्हें नया निर्देशक बनाने में न तो दिलचस्पी होती है और न ही क्षमता. तो ऐसे निर्देशक सिर्फ मैं के साथ ही जीते हैं. जबकि संजय, करन जैसे निर्देशक मेंटर भी बनते हैं.My Blog List
20151216
निर्देशक व नयी तलाश
निखिल आडवाणी ने तय किया है कि वे अपने साथ काम कर रहे नये लोगों को मौके देंगे और वे मौके दे भी रहे हैं. फिल्म एयरलिफ्ट के निर्देशक राज भी निखिल के साथ काम कर चुके हैं और निखिल अपने एक और अस्टिेंट को नया मौका दे रहे हैं. निखिल खुद करन जौहर और आदित्य चोपड़ा के अस्टिेंट रह चुके हैं और करन ने ही उन्हें पहला मौका दिया था. संजय लीला भंसाली ने अपने साथ काम कर रहे ओंमग कुमार जो संजय की फिल्मों का सेट निर्माण करते आये हैं, उन्हें पहला मौका फिल्म मैरी कॉम से दिया. संजय ने ही पहला मौका इस्माइल दरबार को दिया था. बाद में वे नामी गीतकार बने. संजय के साथ काम कर रहे प्रशांत गोलेचा को पहले फिल्म मैरी कॉम के गाने लिखने के मौके मिले और बाजीराव मस्तानी में भी उन्होंने गाने लिखे हैं. अनुराग कश्यप अपने साथ काम कर रहे सभी अस्टिेंट निर्देशकों को मौके देते रहे हैं. आदित्य चोपड़ा के ही अस्टिेंट थे करन जौहर और करन ने अपने साथ काम कर रहे कई नये लोगों को मौके दिये हैं, जिनमें शकुन बत्रा, तरुण मनसुखानी, पुनीत मल्होत्रा जैसे नाम शामिल हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि एक अच्छे निर्देशक व लीडर की ही यह खूबी भी होती है कि वह अपने साथ साथ एक नयी लीग तैयार करते चले. रामगोपाल वर्मा की फिल्में लिख कर अनुराग कश्यप ने शुरुआत की थी. बाद में दोनों में भले ही अनबन होती रही.लेकिन आप गौर करें तो अनुराग की फिल्मों में रामगोपाल की झलक दिखती है.यह हकीकत है कि आपको पहला मौका मिलना अंत्यंत आवश्यक है, तभी आप अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं. कुछ निर्देशक सिर्फ अपनी धुन में रहते हैं. उन्हें नया निर्देशक बनाने में न तो दिलचस्पी होती है और न ही क्षमता. तो ऐसे निर्देशक सिर्फ मैं के साथ ही जीते हैं. जबकि संजय, करन जैसे निर्देशक मेंटर भी बनते हैं.
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