प्रियंका चोपड़ा मधुर भंडारकर के साथ फिल्म मैडमजी का निर्माण शुरू नहीं कर पा रही हैं. चूंकि उन्होंने जो डेट्स मधुर की फिल्म के लिए निकाल रखा था. वह उन तारीखों में व्यस्त हैं. चूंकि उनकी फिल्म बाजीराव मस्तानी की शूटिंग और आगे बढ़ा दी गयी है और इस वजह से प्रियंका मैडमजी कर पाने में असमर्थ हैं. लेकिन प्रियंका ने इसके लिए आलेख लिखने तक संजय लीला भंसाली से अतिरिक्त धनराशि की मांग नहीं की है. वही दूसरी तरफ ऋतिक रोशन ने साफतौर पर यह घोषणा की है कि अगर उन्हें कोई भी निर्देशक उनके निर्धारित दिन से अधिक दिन में शूटिंग के लिए बाधित करता है तो वह प्रत्येक दिन के अनुसार अलग से फीस की डिमांड करेंगे और इस बात से आशुतोष ग्वारिकर बेहद परेशान हैं. चूंकि वह जिस फिल्म का निर्माण कर रहे हैं, उनमें उन्हें अधिक दिनों की आवश्यकता भी पड़ सकती है और ऐसे में अगर अधिक धनराशि देनी पड़े तो उनका बजट बिगड़ सकता है. गौर करें, तो यहां भी अभिनेत्री की सोच व अभिनेता की सोच में फर्क है. एक तरफ अभिनेत्री के जेहन में यह बात है कि उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है और इसके लिए वे अपनी बाकी फिल्मों को आगे बढ़ा रही हैं. लेकिन दूसरी तरफ अभिनेता यह मानने को तैयार नहीं. दरअसल, बॉलीवुड में यों ही अभिनेत्रियों को मेहनताना कम मिलता है और यही मानसिकता है कि भिनेत्री अभिनेताओं से अधिक शारीरिक श्रम नहीं करती हैं. जबकि प्रियंका, दीपिका, विद्या बालन के बारे में सभी जानते हैं कि ये सभी अभिनेत्रियां बेहतरीन अदाकारा हैं और मेहनती भी हैं. फिल्म बर्फी में जितना रणबीर कपूर ने कमाल किया. प्रियंका द्वारा निभाया किरदार झिलमिल भी सबके करीब है. लेकिन फिर भी चर्चा बर्फी की ही अधिक हुई है. जबकि दोनों समान तारीफ के काबिल हैं.
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प्रियंका चोपड़ा मधुर भंडारकर के साथ फिल्म मैडमजी का निर्माण शुरू नहीं कर पा रही हैं. चूंकि उन्होंने जो डेट्स मधुर की फिल्म के लिए निकाल रखा था. वह उन तारीखों में व्यस्त हैं. चूंकि उनकी फिल्म बाजीराव मस्तानी की शूटिंग और आगे बढ़ा दी गयी है और इस वजह से प्रियंका मैडमजी कर पाने में असमर्थ हैं. लेकिन प्रियंका ने इसके लिए आलेख लिखने तक संजय लीला भंसाली से अतिरिक्त धनराशि की मांग नहीं की है. वही दूसरी तरफ ऋतिक रोशन ने साफतौर पर यह घोषणा की है कि अगर उन्हें कोई भी निर्देशक उनके निर्धारित दिन से अधिक दिन में शूटिंग के लिए बाधित करता है तो वह प्रत्येक दिन के अनुसार अलग से फीस की डिमांड करेंगे और इस बात से आशुतोष ग्वारिकर बेहद परेशान हैं. चूंकि वह जिस फिल्म का निर्माण कर रहे हैं, उनमें उन्हें अधिक दिनों की आवश्यकता भी पड़ सकती है और ऐसे में अगर अधिक धनराशि देनी पड़े तो उनका बजट बिगड़ सकता है. गौर करें, तो यहां भी अभिनेत्री की सोच व अभिनेता की सोच में फर्क है. एक तरफ अभिनेत्री के जेहन में यह बात है कि उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है और इसके लिए वे अपनी बाकी फिल्मों को आगे बढ़ा रही हैं. लेकिन दूसरी तरफ अभिनेता यह मानने को तैयार नहीं. दरअसल, बॉलीवुड में यों ही अभिनेत्रियों को मेहनताना कम मिलता है और यही मानसिकता है कि भिनेत्री अभिनेताओं से अधिक शारीरिक श्रम नहीं करती हैं. जबकि प्रियंका, दीपिका, विद्या बालन के बारे में सभी जानते हैं कि ये सभी अभिनेत्रियां बेहतरीन अदाकारा हैं और मेहनती भी हैं. फिल्म बर्फी में जितना रणबीर कपूर ने कमाल किया. प्रियंका द्वारा निभाया किरदार झिलमिल भी सबके करीब है. लेकिन फिर भी चर्चा बर्फी की ही अधिक हुई है. जबकि दोनों समान तारीफ के काबिल हैं.
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